यदि ज्योतिष का अच्छा ज्ञान हो तो आदमी अपनी कुंडली के आधार पर अपने पिछले तथा अगले जन्मों के बारे में भी जान सकता है। हालांकि यह पद्धति थोड़ी जटिल दिखाई देती है परन्तु करने में बहुत सरल है। यह पद्धति केवल योगियों तथा साधुओं को ही ज्ञात है और उन्हीं के माध्यम से ज्योतिषीयों तक पहुंचती है। ऐसे जाने पिछले जन्म के बारे में पिछले जन्म के लिए जन्मकुंडली से नेगेटिव कुंडली बनानी होती है जबकि अगले जन्म के लिए पॉजिटिव। अर्थात् पिछले जन्म की कुंडली बनाने के लिए वर्तमान जन्मकुंडली के लग्न में मौजूद ग्रह, राशि को 12 वें में रखा जाता है, दूसरे खाने को 11वे, तीसरे खाने को 10वे, चौथे खाने को 9वे, पांचवे को 8वे, छठे को 7वे, सातवे को 6ठे, आठवे को 5वे, नौवे को चौथे, दसवें को तीसरे, 11वे को दूसरे तथा 12वे घर को लग्न में बदल दिया जाता है। इसी तरीके से नवमांश कुंडली को भी बदल दिया जाता है। अब आपके पास पिछले जन्म की होरोस्कॉप बन जाती है जिससे आप अपने पिछले जीवन के बारे में सब कुछ जान सकते हैं। ऐसे जानें अगले जन्म के बारे में अगले जन्म के बारे में जानने के लिए पिछले जन्म के उलट पॉजिटीव कुंडली बनानी होती है। इसके लिए 12वें खाने की राशि तथा ग्रहों को लग्न स्थान पर 11वें खाने को दूसरे, 10वे को तीसरे, 9वे को चौथे, 8वे को पांचवे, 7वे को छठे, छठे को सातवे, 5वे को आठवे, चौथे को नवे, तीसरे को दसवे, दूसरे को 11वे तथा लग्न स्थान को 12वे स्थान पर रखना होता है। ठीक इसी तरह नवमांश कुंडली को भी बदल लिया जाता है। अब इन दोनों कुंडलियों के आधार पर आपको अपने अगले जन्म में क्या मिलने वाला है, आसानी से जान सकते हैं।