astrology nostradamus third world war
यदि
नास्त्रेदमस तथा अन्य भारतीय ज्योतिषियों की भविष्यवाणियों पर गौर किया जाए तो वर्ष 2016 में तीसरा विश्वयुद्ध शुरू होने के आसार बन गए हैं। सीरिया, तुर्की और आईएसआईएस के त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे पश्चिमी देश अगले वर्ष किसी भी समय विश्व के तीसरे लेकिन सबसे भयावह महायुद्ध की शुरूआत कर सकते हैं।
वर्ष 2016 में बन रहे हैं तीसरे विश्वयुद्ध के ज्योतिषीय संकेतवर्ष 2016 में राहु का सिंह राशि में गुरु से युत होना, मार्च के महीने में दो बड़े ग्रहण, शनि और मंगल की वृश्चिक राशि में लम्बे समय तक युति बनाना आदि ग्रह-योग एक बड़े भयावह युद्ध का संकेत दे रहे हैं। इस युद्ध के शिकंजे में मिडिल ईस्ट के साथ-साथ, खाड़ी देश, यूरोप, अमरीका तथा पश्चिमी एशियाई देशों को भी काफी नुकसान होगा।
ज्योतिषियों के अनुसार वर्ष 2016 में राहु-शनि की गोचर में युति बन रही है। उल्लेखनीय है कि राहु को ज्योतिष में युद्ध, विद्रोह तथा धार्मिक उन्माद का कारक माना जाता है। ऐसे में जब यह शनि से गोचर में युति बनाता है तो पृथ्वी पर किसी बड़े युद्ध विभीषिका का कारण बनता है।
पहले भी हो चुकी है इस योग में विभीषिकाएंइससे पहले भी राहु-शनि की गोचर में युति बनाने के कारण हिरोशिमा-नागासाकी पर वर्ष 1945 में हुए परमाणु विस्फोट, 1956 के अरब- इजराइल युद्ध, 1990-91 के खाड़ी युद्ध, 2003 में अमेरिका का इराक पर हमला हुआ था। जिन्होंने अन्तरराष्ट्रीय विश्व राजनीति की दशा और दिशा ही बदल दी थी।
ISIS की स्थापना भी इसी योग में हुईआईएसआईएस की स्थापना 9 अप्रैल 2013 को सीरिया के अलेप्पो शहर में हुई थी। उस समय भी शनि और राहु की युति गोचर में तुला राशि में चल रही थी, जिसके चलते आईएस दुनिया के सबसे बुरे आतंकी संगठन के रूप में कुख्यात हुआ। वर्तमान में चल रही ग्रह-दशा के चलते ही आईएस पर पश्चिमी देश लगाम लगाने में असफल रहे।