सभी प्रकार की खरीदारी के लिए उत्तम
ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि पुष्य नक्षत्र सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति की खरीदारी के लिए शुभ है। गुरू पुष्य के साथ-साथ गुरूवार को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि का शुभ योग भी पूरे दिन रहेगा। भगवान शिव के प्रिय सावन माह में इस संयोग के आने से यह और भी शुभता प्रदान करेगा। स्वर्ण चांदी सहित कीमती धातुओं के आभूषण, रत्न, भूमि, भवन, वाहन स्थायी संपत्ति की खरीदारी की जाना शुभ माना गया है। पं. धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि गुरू पुष्य का महासंयोग बुधवार व गुरूवार की मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया है, जो गुरूवार को रात्रि 11:44 तक विद्यमान रहेगा। सूर्योदय से रात्रि तक लगभग 17 घंटे तक पुष्य नक्षत्र विद्यमान रहेगा।
क्या है इन तीन शुभ योगों का महत्व
पुष्य नक्षत्र- पुष्य को 27 प्रकार के नक्षत्रों का राजा माना जाता है। जब यह गुरूवार के दिन आता है तो गुरू पुष्य का संयोग बनाता है। इसमें खरीदारी का काफी महत्व है। इस दिन की गई खरीदारी स्थायित्व प्रदान करती है। इसलिए इस दिन भूमि, भवन, वाहन, आभूषण सहित स्थायी वस्तुओं की खरीदारी की जाती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सर्वार्थ सिद्धि योग भी शुभ कार्यो के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह योग जिस दिन विद्यमान रहता है, उस दिन जो कार्य किए जाते हैं, वे सभी प्रकार की सिद्धि देते है। गुरू पुष्य के साथ इस दिन यह योग होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
अमृत सिद्धि योग- अमृत सिद्धि योग भी शुभता प्रदान करने वाला योग है। अक्सर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग एकसाथ आते हैं। अमृत सिद्धि योग में जो कार्य किए जाते हैं, वे कार्य स्थायित्व प्रदान करते है और शुभता देते हैं। इसलिए सभी शुभ कार्यो के लिए इसका महत्व है।
खरीदारी के मुहूर्त
सुबह 10:30 से 12 बजे चर
दोपहर 12 से 3 बजे लाभ और अमृत
शाम 4:30 से 6 बजे तक शुभ
शाम 6 से 7:30 अमृत
शाम 7:30 से 9:00 चर