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आज भूल कर भी न करें ये कार्य, नहीं तो हो सकता है बड़ा घाटा

Published: Oct 11, 2017 09:52:14 am

वरियान नामक नैसर्गिक शुभ योग प्रात: ९.२६ तक, इसके बाद परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है

aaj ki kundli

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षष्ठी नन्दा संज्ञक तिथि प्रात: ९.१० तक, तदन्तर सप्तमी भद्रा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। षष्ठी तिथि में विवाह, वास्तु आदि विषयक कार्य और सप्तमी तिथि में यथा आवश्यक विवाह, जनेऊ, मांगलिक कार्य, वास्तु, अलंकार तथा अन्य घरेलू उत्सवादि शुभ होते हैं।
नक्षत्र: मृगशिर ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न १०.२६ तक, इसके बाद आद्र्रा ‘तीक्ष्ण व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। मृगशिरा नक्षत्र में विवाह आदि मांगलिक कार्य, यात्रा, प्रतिष्ठादिक कार्य शुभ होते हैं। आद्र्रा नक्षत्र में लड़ाई-झगड़े, बंधन, छेदन, मारण-जारण आदि से सम्बंधित कार्य करने योग्य हैं। शुभ कार्य वर्जित हैं।
योग: वरियान नामक नैसर्गिक शुभ योग प्रात: ९.२६ तक, इसके बाद परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। परिघ नामक योग की पूर्वाद्र्ध घटियां शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: सूर्योदय से प्रात: १०.२६ तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग, राजयोग नामक शुभ योग प्रात: ९.१० से प्रात: १०.२६ तक, तदुपरान्त दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग है। करण: वणिज नामकरण प्रात: ९.१० तक, इसके बाद रात्रि ८.०३ तक भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण है। तदन्तर बवादि करण प्रारम्भ हो जाएंगे।
शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143९, मु.मास: मुहर्रम-२०
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : शरद्
मास : कार्तिक। पक्ष – कृष्ण।

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज षष्ठी तिथि व मृगशिरा नक्षत्र में भद्रापूर्व नामकरण, हलप्रवहण और विपणि-व्यापारारम्भ के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.२० तक लाभ व अमृत, प्रात: १०.४७ से दोपहर १२.१४ तक शुभ तथा अपराह्न ३.०७ से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभकार्यारम्भ में वर्जित बताया गया है।
व्रतोत्सव: आज जयप्रकाश नारायण जयंती है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मिथुन राशि में रहेगा।

दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है।
राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (कि, कू, घ, ड़, छ) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मिथुन है। पूर्वाह्न १०.२६ तक जन्मे जातकों का जन्म स्वर्णपाद से व इसके बाद जन्मे जातकों का रजतपाद से है। सामान्यत: ये जातक धनवान, प्रतिभाशील, कलाकार, सुन्दर, मान-सम्मान पाने वाले पर इनमें अहंकार की मात्रा कुछ अधिक ही होती है। इनका भाग्योदय लगभग २६-२७ वर्ष की आयु तक होता है। मिथुन राशि वाले जातक आज बड़े प्रसन्न वातावरण में रहेंगे। राजपक्ष से लाभ प्राप्त होगा। जमीन-जायदाद का भी लाभ होगा।
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