scriptसफल होने के लिए राशि अनुसार करें इष्ट देव की पूजा-आराधना | Worship Isht devta as your horoscope for getting success, good luck | Patrika News

सफल होने के लिए राशि अनुसार करें इष्ट देव की पूजा-आराधना

Published: Mar 10, 2015 03:54:00 pm

अपनी जन्म राशि के अनुसार यदि अपने इष्ट
देवी-देवता की आराधना की जाए तो जीवन में अच्छे परिणाम
मिलते हैं

अपनी जन्म राशि के अनुसार यदि अपने इष्ट देवी-देवता की पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से आराधना की जाए तो जीवन में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यहां हम जन्म राशियों के अनुसार इष्ट देवों की आराधना के संबंध में चर्चा कर रहे हैं।

मेष और वृश्चिक राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह मंगल हैं। इन राशि के जातकों को हनुमानजी, महाकाली और तारा देवी की आराधना करने के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती में दिए गए देवीजी के प्रथम चरित्र का पाठ करना शुभ फलदायी होता है।

वृष और तुला राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो रजो गुण प्रधान हैं। इन जातकों को ज्ञान की देवी सरस्वती जी, गणेश जी की आराधना करना शुभ होता है। गणेशजी के व्रत इनके लिए लाभदायक होंगे।

मिथुन और कन्या राशि

इन राशियों के स्वामी ग्रह बुध हैं। बुध भी रजो प्रधान ग्रह हैं। इन जातकों को माता दुर्गा, भुवनेश्वरी देवी और मां काली की आराधना करना शुभ फलदायी माना गया है।

कर्क राशि

इस राशि के स्वामी सतो गुण प्रधान चन्द्र ग्रह हैं। इन जातकों को महालक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। श्री सूक्त के पाठ और श्री यंत्र का पूजन करना भी इन्हें खासा लाभ देता है।

सिंह राशि

इस राशि के स्वामी सतोगुण प्रधान ग्रह सूर्य है। इस राशि के जातकों को सूर्य भगवान, धन की देवी महालक्ष्मी, बंगला मुखी एवं सिद्धिदात्री देवी की आराधना करनी चाहिए।

धनु और मीन राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह गुरू अर्थात बृहस्पति हैं। ये सतो गुण प्रधान हैं। इन राशियों के जातकों के लिए महालक्ष्मी, कमला और सिद्धिदात्री देवी की आराधना फलदायी है।

मकर और कुंभ राशि

इन दोनों राशियों के स्वामी ग्रह शनि हैं जो तमो प्रधान गुण रखते हैं। इन जातकों को शनि देव और महाकाली की उपासना करनी चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो