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होशंगाबाद

निवेश के नाम 18 करोड़ की धोखाधड़ी के सरगना को हुई तीन वर्ष की सजा, दो छूट गए

जीएन गोल्ड लोन के नाम पर जिले के 10 हजार 574 निवेशकों से 18 करोड़ 48 लाख 61 हजार की धोखाधड़ी करने वाले कंपनी के डायरेक्टर को विशेष न्यायाधीश के रूप में जिला सत्र न्यायाधीश ने धारा 420 आईपीसी में दोषी पाते हुए तीन साल 5 माह की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया है।

होशंगाबादDec 05, 2021 / 01:34 pm

devendra awadhiya

निवेश के नाम 18 करोड़ की धोखाधड़ी के सरगना को हुई तीन वर्ष की सजा, दो छूट गए

निवेश के नाम 18 करोड़ की धोखाधड़ी के सरगना को हुई तीन वर्ष की सजा, दो छूट गए

होशंगाबाद. इटारसी में फाइनेंस कंपनी का कार्यालय खोलकर जीएन गोल्ड लोन के नाम पर जिले के 10 हजार 574 लोगों (निवेशकों) से 18 करोड़ 48 लाख 61 हजार की धोखाधड़ी करने वाले कंपनी के मुख्य कर्ताधर्ता (डायरेक्टर) अभियुक्त सतनाम सिंह रंधावा को विशेष न्यायाधीश के रूप में जिला सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी ने धारा 420 आईपीसी में दोषी पाते हुए तीन साल 5 माह की सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं मामले में दो अन्य आरोपी संचालक अभियुक्तगण देवेश बजाज एवं बलजीत पिता रामनिवास शर्मा को गवाही के अभाव में दोषमुक्त किया गया है। इटारसी के इस बहुचर्चित मामले में शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक दीपक जैन ने की। जैन ने बताया कि अभियोजन कहानी यह थी कि शिकायतकर्ता विनय मालवीय, नारायण प्रसाद, महेश मालवीय, प्रकाश मालवीय, छोटेलाल केवट, सुनील वाणी ने कलेक्टर को उक्त अभियुक्तगणों के खिलाफ 9 जनवरी 2017 को संयुक्त तौर पर लिखित शिकायत की थी। जिसमें निवेशकों को उनकी जमा की गई पूंजी को वापस दिलाने की गुहार लगाई थी। कलेक्टर के निर्देश पर थाना इटारसी में जीएन गोल्ड फाइनेंस कंपनी के संचालकों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। शिकायत में बताया था कि जीएन डेयरी एवं जीएन गोल्ड तथा एनएनसीएल लिमि. कंपनी के जरिए संचालकों ने एफडी और आरडी के जरिए निवेशकों से 18 करोड़ 48 लाख 61 हजार रुपए राशि जमा कराई थी। जिसमें कंपनी ने समय अवधि पर निश्चित लाभ या योजना के साथ राशि वापसी या डेयरी प्रोडेक्ट्स , गोल्ड प्रोडेक्ट्स वापसी का वादा किया था, लेकिन राशि एकत्रित करने के बाद कंपनी के कर्ताधर्ता दफ्तर बंद कर भाग गए थे।

हत्या के प्रयास के आरोपियों को सात-सात वर्ष का कारावास
सोहागपुर. एडीजे संतोष सैनी की अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले के आरोपियों को सात-सात वर्ष के कारावास एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय शनिवार को पारित किया है। मामला नवंबर 2015 का है।
शासकीय अधिवक्ता शंकरलाल मालवीय ने बताया कि घटना 14 नवंबर 2015 के दोपहर 3 बजे की थी। घटना अनुसार ग्राम भौंखेड़ी कला निवासी नारायण गुर्जर अपने पिता बुद्धूलाल को अपने चचेरे भाई बैजनाथ के साथ बाइक से रिपोर्ट दर्ज कराने नहर के रास्ते सोहागपुर आ रहा था। ग्राम कलमेशरा के समीप मनीराम रघुवंशी के खेत के करीब व नहर के पास आरोपी नर्मदा प्रसाद गुर्जर ने सफारी चौपहिया वाहन से आकर फरियादी पक्ष को रोका। नर्मदा प्रसाद के हाथ में बंदूक, लखन के हाथ में बका, बलराम के हाथ में कुल्हाड़ी, मनीष एवं शिवल के हाथ में लाठी थी। सभी आरोपीगणों ने एक राय होकर फरियादी पक्ष के लोगों के साथ मारपीट की। जिससे बुद्धूलाल, छोटे लाल, मनोहर व बलराम को चोटें आई थी। शासकीय अधिवक्ता मालवीय ने बताया कि घटना की रिपोर्ट फरियादी नारायण सिंह के द्वारा दर्ज कराई गई थी तथा घटना पुरानी रंजिशवश की गई थी। मामले में आरोपीगण नर्मदा प्रसाद पटेल, लखन उर्फ प्यारे लाल पटेल, बलराम पटेल, मनीष पटेल एवं शिवल पटेल को भारतीय दंड विधान की धारा 307/149 में दोषी पाकर सात-सात वर्ष के कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय एडीजे संतोष सैनी ने दिया है। सभी आरोपीगण ग्राम भौंखेड़ी कला के निवासी हैं। सभी आरोपियों को उप जेल पिपरिया भेजा गया है।
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