निजी: जिले में प्राइवेट कॉलोनाइजर समेत एक अनुमान के मुताबिक तीन हजार से Óयादा मकानों का निर्माण चल रहा है। लोहे के दाम बढऩे का असर इन सभी पर पड़ रहा है। वहीं नगर पालिका से पास नक्शों के आधार पर सैकड़ों की संख्या में नए निजी भवनों का निर्माण शुरू होना है।
प्रधानमंत्री आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में करीब & हजार मकानों का निर्माण होना है। जबकि जिले में करीब 2 हजार मकानों का निर्माण कतार में हैं। ढाई लाख रुपए में इन मकानों को तमाम प्रयासों के बाद भी आकार देना कठिन हो जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में करीब & हजार मकानों का निर्माण होना है। जबकि जिले में करीब 2 हजार मकानों का निर्माण कतार में हैं। ढाई लाख रुपए में इन मकानों को तमाम प्रयासों के बाद भी आकार देना कठिन हो जाएगा।
सरकारी: जिले में स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई काम्प्लेक्स के अलावा करोडों के सरकारी भवनों के निर्माण चल रहे हैं। लोहे के दाम बढऩे पर इन भवनों, पुल-पुलियाओं के निर्माण पर भी असर पड़ रहा है। एस्टीमेट बिगड़ गया है, जिससे खासतौर पर छोटे ठेकेदार काम रोकने की स्थिति में आ गए हैं।
आगे क्या और बढ़ेंगे दाम
आगे क्या और बढ़ेंगे दाम
लोहा कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक अभी दाम और बढऩे की आशंकाएं जताई जा रही है। अभी 76-78 सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव हैं। कामधेनु सरिया तो साढ़े 77 सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव में है। आगे छोटे ब्रांड 8 हजार तक तो कामधेनु के 82 सौ रुपए प्रति क्विंटल से अधिक तक पहुंचने के आसार हैं।
बॉक्स
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हमने रूकवा दिया काम
नर्मदापुरम में मालाखेड़ी क्षेत्र में आशीष भार्गव को अपना 15 सौ वर्गफीट में मकान का निर्माण कराना रहे हैं। लेकिन लोहे के दाम अचानक बढऩे के कारण उन्होंने अगले दो माह के लिए काम को नहीं कराने का निर्णय लिया है। आशीष का कहना है कि युद्ध से मची उथल-पथल समाप्त होने के बाद लोहे-सिमेंट के दाम स्थिर होंगे।
नर्मदापुरम में मालाखेड़ी क्षेत्र में आशीष भार्गव को अपना 15 सौ वर्गफीट में मकान का निर्माण कराना रहे हैं। लेकिन लोहे के दाम अचानक बढऩे के कारण उन्होंने अगले दो माह के लिए काम को नहीं कराने का निर्णय लिया है। आशीष का कहना है कि युद्ध से मची उथल-पथल समाप्त होने के बाद लोहे-सिमेंट के दाम स्थिर होंगे।
इनका कहना है...
अभी डिमांड उतनी नहीं है फिर भी लोहे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। दामों में इतना उछाल पहली बार आया है। स्टील कंपनियां दाम क्यों बढ़ा रही है, इसके ठोस कारण अब तक सामने नहीं आए हैं। कई ने प्रोडेक्शन भी बंद किया है। जबकि छोटे कारोबारी ने मांग बंद कर दी है। लोहे में पहली बार इतना उछाल देखा जा रहा है। आगे भी संभावनाएं जताई जा रही है। स्वभाविक तौर पर बढ़े भावों का असर निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। - अमित अग्रवाल, लोहा के थोक व्यवसायी
अभी डिमांड उतनी नहीं है फिर भी लोहे के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। दामों में इतना उछाल पहली बार आया है। स्टील कंपनियां दाम क्यों बढ़ा रही है, इसके ठोस कारण अब तक सामने नहीं आए हैं। कई ने प्रोडेक्शन भी बंद किया है। जबकि छोटे कारोबारी ने मांग बंद कर दी है। लोहे में पहली बार इतना उछाल देखा जा रहा है। आगे भी संभावनाएं जताई जा रही है। स्वभाविक तौर पर बढ़े भावों का असर निर्माण कार्यों पर पड़ेगा। - अमित अग्रवाल, लोहा के थोक व्यवसायी