एक नजर
शहर की आबादी लगभग सवा लाख
लगभग 250 किमी की सीवर लाइन बिछेगी
काम पूरा होने का समय 24 माह
निर्माण की लागत 200 करोड़ रुपए
नर्मदा में मिल रहा गंदा पानी : 7-8 एमएलडी 14 नवंबर को भेजा था प्रस्ताव
नपा ने 14 नवंबर को आयोजित पीआईसी की बैठक में उक्त जमीन के आवंटन का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था। दरअसल, नपा पहले जिस स्थान पर ट्रीटमेंट प्लांट बनाना चाहती थी वहां पहुंचने का रास्ता नहीं मिलने से काम रुक गया। वहीं जमीन मालिक ने नपा से रास्ते के लिए ६ करोड़ की मांग की थी। इसके बाद नपा ने प्रशासन से भोपाल तिराहे के पास चिंहित जमीन की मांग की थी।
शहर की आबादी लगभग सवा लाख
लगभग 250 किमी की सीवर लाइन बिछेगी
काम पूरा होने का समय 24 माह
निर्माण की लागत 200 करोड़ रुपए
नर्मदा में मिल रहा गंदा पानी : 7-8 एमएलडी 14 नवंबर को भेजा था प्रस्ताव
नपा ने 14 नवंबर को आयोजित पीआईसी की बैठक में उक्त जमीन के आवंटन का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा था। दरअसल, नपा पहले जिस स्थान पर ट्रीटमेंट प्लांट बनाना चाहती थी वहां पहुंचने का रास्ता नहीं मिलने से काम रुक गया। वहीं जमीन मालिक ने नपा से रास्ते के लिए ६ करोड़ की मांग की थी। इसके बाद नपा ने प्रशासन से भोपाल तिराहे के पास चिंहित जमीन की मांग की थी।
पहले निरस्त हो चुका था टेंडर
इससे पूर्व प्लांट लगाने के लिए अहमदाबाद (गुजरात) की जयंती कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया था। इसके लिए सरकार ने नपा को 200 करोड़ रुपए भी आवंटित कर दिए थे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 मई 2018 को प्लांट के लिए भूमिपूजन भी कर दिया था, लेकिन कंपनी द्वारा टेंडर मिलने के बाद नियमों का पालन न करने से इसे जून 18 में निरस्त कर दिया था।
इससे पूर्व प्लांट लगाने के लिए अहमदाबाद (गुजरात) की जयंती कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया था। इसके लिए सरकार ने नपा को 200 करोड़ रुपए भी आवंटित कर दिए थे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 मई 2018 को प्लांट के लिए भूमिपूजन भी कर दिया था, लेकिन कंपनी द्वारा टेंडर मिलने के बाद नियमों का पालन न करने से इसे जून 18 में निरस्त कर दिया था।
यह है योजना
योजना में शहर के आधा दर्जन नालों को आपस में जोड़कर मुख्य कोरीघाट नाले से जोड़कर सीवेज पाइप लाइन बिछाई जाएगी। मुख्य पाइप लाइन आदमगढ़ पहाडिय़ा के पीछे बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ेगा। प्लांट में गंदे पानी को साफ कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा। अभी यह नाले सीधे नर्मदा नदी में मिल रहे हैं।
योजना में शहर के आधा दर्जन नालों को आपस में जोड़कर मुख्य कोरीघाट नाले से जोड़कर सीवेज पाइप लाइन बिछाई जाएगी। मुख्य पाइप लाइन आदमगढ़ पहाडिय़ा के पीछे बनने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ेगा। प्लांट में गंदे पानी को साफ कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाएगा। अभी यह नाले सीधे नर्मदा नदी में मिल रहे हैं।
इनका कहना है….
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रशासन ने जमीन आवंटित हो गई है। जमीन आवंटन होने की वजह से अब निर्माण एजेंसी जल्द ही एसटीपी का काम शुरू करेगी।
अखिलेश खंडेलवाल, नपाध्यक्ष
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए प्रशासन ने जमीन आवंटित हो गई है। जमीन आवंटन होने की वजह से अब निर्माण एजेंसी जल्द ही एसटीपी का काम शुरू करेगी।
अखिलेश खंडेलवाल, नपाध्यक्ष