scriptजिले का सुरक्षित अस्पताल बनाने के लिए 25 करोड़ का भेजा प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार | 25 crore proposal sent to build a safe hospital in the district | Patrika News

जिले का सुरक्षित अस्पताल बनाने के लिए 25 करोड़ का भेजा प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार

locationहोशंगाबादPublished: Apr 24, 2022 10:17:41 pm

Submitted by:

amit sharma

– एमडी एनएचएम बोली प्रकरण को प्राथमिक्ता के तौर पर दिखवाते है
– जिले में असुरक्षित भवन में मरीजों का चल रहा उपचार, पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट ने 2016 में असुरक्षित घोषित किया था

जिले का सुरक्षित अस्पताल बनाने के लिए 25 करोड़ का भेजा प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार

जिले का सुरक्षित अस्पताल बनाने के लिए 25 करोड़ का भेजा प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार

नर्मदापुरम। सरकार बेखबर है और जिम्मेदार बेफिक्र। नर्मदापुरम जिला अस्पताल को 2016 में पहले असुरक्षित घोषित किए जा चुका था। इसके बाद भी पांच सालों से जिला अस्पताल के भवन में अब भी मरीजों को भर्ती रखा जा रहा है। यहां रोजाना लगभग 700 मरीज आते हैं। किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। पीआईयू को इसका निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2019 में नक्शे से लेकर सभी तैयारियों के बाद भी कोविड के कारण प्रशासन नए अस्पताल के विषय में भूल गया। पत्रिका की प्रड़ताल के बाद टीएल की बैठक में कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने मामले की जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग से ली। जिसके बाद एक बार फिर से पीकू ने 2576.62 लाख का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भेजा है।

मरीजों के अस्पताल खतरनाक

जिला अस्पताल के पुराने भवन में मेल मेडिकल की छत पर 3 हजार लीटर पानी की टंकी थी। तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे ने पीडब्ल्यूडी को टंकी की मरम्मत के निर्देश दिए थे। लेकिन जब पीडब्ल्यूडी की टीम अस्पताल के निरीक्षण के निरीक्षण के लिए गई तो भवन के पिल्लर काफी कमजोर मिले। इसके कारण पानी की टंकी में सुधार के स्थान पर तुरंत तोडऩे के निर्देश दिए गए। साथ ही अस्पताल को जल्द खाली करने को कहा गया।

अंग्रेजों के शासन में तैयार हुआ था अस्पताल

जिला अस्पताल 1901 में अंग्रेजों के शासन काल में तैयार हुआ था। अस्पताल को बनाने के लिए समाज सेवी और अंग्रेजी सरकार के अधिकारियों से चंदा एकात्रित किया था। इसके बाद अस्पताल का लगातार विस्तार होता गया। अभी जिस भवन को जर्जर घोषित किया है, उसे बने लगभग बने सौ साल से अधिक का समय हो गया। जिला अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ.रवींद्र गंगराडे ने बताया कि भवन को सौ वर्ष से अधिक का समय हो गया है।
इनका कहना है

अस्पताल का भवन असुरक्षित है, इसके बाद से सबसे पहले हमने 2017 में प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। अभी प्रस्ताव एनएचएम में गया है। इसके बाद कोविड की समस्या आ गई। इस बीच लागत बढ़ी, अब पीआईसीयू ने एक बार फिर से 25 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। –
डॉ.प्रदीप मोजेस, सीएमएचओ नर्मदापुरम

अभी तक मामला हमारी जानकारी में नहीं था, अगर अस्पताल असुरक्षित पीडब्ल्यूडी ने घोषित किया है, तो यह गंभीर मामला है। हम इसे प्राथमिक्ता के तौर पर दिखवाएंगे। – प्रियंका दास, एमडी एनएचएम भोपाल
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