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आठवीं पास कर नौवीं में आए 300 छात्र उलझन में, कहां करें आगे की पढ़ाई

locationहोशंगाबादPublished: Apr 14, 2019 06:25:59 pm

Submitted by:

poonam soni

तीन साल पहले शुरू हुए थे स्कूल, अब आगे की क्लास में प्रवेश के लिए हो रहे परेशान

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आठवीं पास कर नौवीं में आए 300 छात्र उलझन में, कहां करें आगे की पढ़ाई

शकील नियाजी/पिपरिया. जिले के विद्यार्थियों में अंग्रेजी भाषा का स्तर सुधारने के लिए तीन साल पहले जिलेभर में खोले गए अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूल अब इसमें पढऩे वाले छात्रों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। क्योंकि आठवीं तक अंग्रेजी मीडियम में पढऩे के बाद फिर उन्हें हिंदी मीडियम में पढऩे के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसकी वजह है कि आगे पढ़ाई के जिले में सरकारी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल ही नहीं हैं। इस कारण पांचवीं से आठवीं तक के इन स्कूलों में पढ़कर निकले 300 विद्यार्थी नए स्कूल में प्रवेश के लिए भटक रहे हैं। क्योंकि जिले में आठवीं तक ही यह सुविधा है। तीन साल पहले जिले में 16 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के लिए चिन्हित कर जिला शिक्षा विभाग ने कक्षाएं प्रारंभ कराई थी। कक्षा पहली से पांचवी तक आठ स्कूल और कक्षा छठवीं से आठवीं तक आठ स्कूलों को मंजूरी दी गई। दरअसल जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में दबाव के चलते जिला योजना समिति में अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने तीन साल पहले प्रस्ताव पास कर लिया था। जिनमें कक्षा आठवीं में करीब 300 विद्यार्थी उत्तीर्ण होकर नवमीं में पहुंच गए हैं।
नीतिगत निर्णय हो
जिले में 8 मिडिल अंग्रेजी माध्यम स्कूल तीन साल पहले खोले गए थे। इस साल जिले में करीब 300 विद्यार्थी कक्षा आठवी उत्तीर्ण हो चुके हैं इनकी कक्षा नौवी में प्रवेश की समस्या है। नीतिगत निर्णय होना है वीसी में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र के समक्ष क्लास बढ़ाने अनुमति प्रस्ताव रखा जाएगा। निर्देश मिलने पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल की समस्या का निराकरण हो पाएगा।
एसएस पटेल, डीपीसी होशंगाबाद
होशंगाबाद में जिले के अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर निकले विद्यार्थी मॉडल स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं। बाबई, बाचावानी और निभौरा मे मॉडल स्कूल है। प्रशासन ने अलग से अंगे्रजी के शिक्षक नियुक्त नहीं किए हैं। यहा प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियो के लिए अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या एक दम कम नहीं होनी चाहिए।
राजेश गुप्ता, एडीपीसी
यहां खुले थे अंग्रेजी माध्यम मिडिल स्कूल
विधानसभा स्तर पर राज्य शिक्षा केंद्र ने पिपरिया में शासकीय आरएनए उत्कृष्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल में 01, बनखेड़ी में 01 टैगोर हायर सेकेण्डरी स्कूल, सोहागपुर में कन्या उमावि 02, सेमरी हरचंद में 01, बाबई मे 01, होशंगाबाद 02 अंग्रेजी माध्यम मिडिल स्कूल प्रारंभ कराए थे।
300 छात्र आ गए ९वीं में
जिले में संचालित ८ सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में इस साल ३०० विद्यार्थी ८वीं की परीक्षा उत्तीण कर ९वीं में आ गए हैं। कक्षा नौवी में अंग्रेजी माध्यम का स्कूल नहीं होने से अब यह परेशान हैं। जबकि आगे की अंग्रेजी स्तर की पढ़ाई की सुविधा उन्हे अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में प्रवेश लेना होगा, लेकिन गरीब मध्यम वर्ग परिवार के यह विद्यार्थी इतने सक्षम नहीं हैं कि वहीं शिक्षा दिला सकें और वहां की हास्टल सुविधा का खर्च उठा सकें।
शिक्षक भी नहीं, औपचारिक बनी पढ़ाई
इन स्कूलों में पढ़ाई की औपचारिकता की जा रही है। दरअसल अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक को आंग्ल भाषा में डिप्लोमा धारी होना चाहिए, वही हैदराबाद से आंग्ल प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षित होना चाहिए। लेकन ऐसे शिक्षक जिले में खोजने के बाद भी नहीं मिले। शाला चलाने के लिए संकुल में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों को चिन्हित कर शासन ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पदस्थ कर तीन साल तक अंग्रेजी स्कूल संचालित कराए।
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