15 दिन पहले हुई थी भाई से बात
शेरसिंह ने बताया कि 15 दिन पहले उसकी भाई सुमेर सिंह से बात हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि 8-10 दिन बाद छुट्टी लेकर वे घर आएंगे। सुमेर की पार्थिव देह घर पहुंची तो वीरांगना कविता देवी व मां सिंगारी देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता की शहादत पर छह साल का बेटा सक्षम तो गुमसुम रहा, मगर नौ साल की बेटी से जब पूछा गया कि वह क्या बनना चाहती है तो जवाब मिला कि वह भी अपने पिता की तरह एक बहादुर फौजी बनकर देश के दुश्मनों से बदला लेगी।
ऐसे हुए शहीद
12 जाट रेजीमेंट की 93वीं ब्रिगेड में जम्मू कश्मीर के पूंछ सेक्टर में तैनात नायक सुमेर सिंह सोमवार सुबह करीब पांच बजे गश्त पर थे। उसी दौरान सीमा पार से मोर्टार दागे गए। एक मोर्टार सुमेर सिंह के पास आकर गिरा, जिससे वे जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां वे शहीद हो गए। इधर, सोमवार को गांव में सुमेर सिंह की शहादत की सूचना मिलने पर शोक की लहर दौड़ गई।
सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बाजोर ने बताया कि शहीद सुमेर सिंह के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 20 लाख रुपए व वीरांगना को उसकी शैक्षिक योग्यतानुसार नौकरी तथा केन्द्र सरकार की ओर से दिया जाने वाला सम्पूर्ण पैकेज दिया जाएगा।