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संभाग ४७ हजार विद्यार्थी, एक ने भी नहीं किया आवेदन

locationहोशंगाबादPublished: Feb 06, 2019 12:05:36 pm

Submitted by:

Rahul Saran

-विदेश छात्र वृत्ति योजना की पड़ताल

millions cash seized in car

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होशंगाबाद। शासन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई करने का अवसर देना चाह रही है मगर विद्यार्थी उस अवसर का लाभ नहीं लेना चाह रहे हैं। जी हां यह हालात हैं विदेश छात्रवृत्ति योजना के, जिसमें विद्यार्थियों को जोडऩे के लिए शासन की तरफ दूसरी बार पत्राचार कॉलेज प्रबंधनों को किया गया है। विदेश छात्रवृत्ति योजना में संभाग के किसी भी शासकीय कॉलेज से एक भी आवेदन का ना आना इस बात के संकेत हैं कि या तो कॉलेजों में प्रतिभाएं नहीं बचीं हैं या फिर विद्यार्थी उस योजना से जुडऩे में खुद का लाचार पा रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन विद्यार्थियों को इसके लिए जागरुक भी कर रहा है मगर उसके परिणाम निकलते नहीं दिख रहे हैं। इस पूरी स्थिति में विद्यार्थियों से जुड़ी कुछ व्यवहारिक समस्याएं भी उनके कदम पीछे खींचने के लिए जिम्मेदार हैं।
कहां कितने कॉलेज और छात्र

नर्मदापुरम संभाग में ३ जिले होशंगाबाद, हरदा और बैतूल शामिल हैं। इनमें होशंगाबाद जिले में १३ सरकारी कॉलेज हैं इनमें करीबन २२ हजार विद्यार्थी हैं। हरदा जिले में शासकीय कॉलेजों की संख्या ०४ हैं जिसमें करीबन ७ हजार विद्यार्थी हैं। इसी तरह बैतूल जिले में करीब १० शासकीय कॉलेज हैं जिनमें लगभग १९ हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। संभाग में करीबन ४७ हजार विद्यार्थियों में से एक आवेदन भी योजना में ना आना अपने आप में बड़े सवाल पैदा कर रहा है।
क्या है योजना

शासन ने विदेश छात्र वृत्ति योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मकसद प्रतिभाशाली विद्यार्थी को विदेश की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने भेजना है। योजना की मूल मंशा पिछड़े वर्ग के चुने हुए विद्यार्थियों को विदेश में विशिष्ट क्षेत्रों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम, रिसर्च, उपाधि एवं शोध उपाधि उपरांत रिसर्च कार्यक्रम में भाग लेने वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत २ वर्षीय पाठ़्यक्रम के लिए ४० हजार डॉलर प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति दी जाती है।
यह है स्कॉलरशिप की योग्यता

-विदेश छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभ लेने के लिए संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में ७५ प्रतिशत अंक

-समतुल्य श्रेणी संबंधित क्षेत्र में अनुभव के साथ शोध उपाधि

-पीएचडी के लिए संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में ७५ प्रतिशत अंक
-समतुल्य श्रेणी संबंधित क्षेत्र में दो साल का अध्यापन शोध, व्यवसायिक अनुभव, एमफिल उपाधि

यह हैं समस्याएं

-परिवार की आय ५ लाख से ज्यादा नहीं हो।

-निर्धारित प्राप्तांक के सर्कल में नहीं आ पाना।
-संंबंधित देश का स्टूडेंट वीजा खुद लेना।

-निर्धारित अवधि में पाठ्यक्रम का पास करना।

इन देशों में मिलती है पढ़ाई की सुविधा

आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, हांगकांग,आयरलेंड, जापान, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नार्वे, रशिया, सिंगापुर, स्विटजरलैंड, ताईवान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका में योजना के तहत अध्यापन करने के लिए छात्रवृत्ति मिलती है।
किसने क्या कहा

योजना की जानकारी देने के बावजूद जिले के कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थी योजना के लिए आवेदन ही नहीं करते हैं। अब तक किसी ने भी जिले से कोई आवेदन नहीं किया है।
कुमकुम जैन, प्राचार्य गल्र्स कॉलेज इटारसी

जिले में अब तक किसी ने भी इस योजना में कोई आवेदन नहीं दिया है। विद्यार्थियों के आवेदन नहीं करने का कारण बताना मुश्किल है क्योंकि वे क्या सोचते हैं यह पता नहीं चलता है।
राकेश तिवारी, प्राचार्य जेएच शासकीय कॉलेज बैतूल

विदेश छात्रवृत्ति योजना में अब तक एक भी आवेदन नहीं आया है। सामान्य तौर पर अभिभावकों में अभी बच्चों को विदेश भेजने के प्रति जागरुकता नही है यह भी एक वजह मानी जा सकती है।
डॉ कौशर जहां सम्मी, प्राचार्य स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज

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