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कोरोना को हराना है..जिले में मास्क, सेनेटाइजर और दवा पर रोजाना खर्च हो रहे 52 हजार रुपए

locationहोशंगाबादPublished: May 26, 2020 12:36:35 am

दो माह में 31 लाख रुपए की खरीददारी की, सबसे ज्यादा खर्च हुआ कोरोना प्रभावित इटारसी में

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होशंगाबाद. महामारी कोरोना से निपटने के लिए हर रोज जिले में प्रशासन लगभग 52 हजार रुपए खर्च कर रहा है। अब तक बीते दो माह में प्रशासन कोरोना से मुकाबले के लिए ३१ लाख रुपए के मास्क, सेनेटाइजर और दवा पर खर्च कर चुका है। अन्य खर्चे अलग हैं। जिसमें वाहनों से मजदूरों की आवाजाही और खान-पान से लेकर अन्य संसाधन जुटाना शामिल है। यह सब शामिल किया जाए तो आंकड़ा करोड़ों में पहुंच जाएगा।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो माह में स्वास्थ्य विभाग ने करीब 15 लाख के सेनेटाइजर की खरीदी की है। जबकि इससे पहले कुछ हजार रुपए में के सेनेटाइजर से ही अस्पताल में काम चल जाता था। इसके साथ ही करीब 8 लाख के मास्क और 8 लाख के हाइपोक्लोराइड खरीदे जा चुके हैं। कोरोना के हॉटस्पाट बने इटारसी में हर दिन करीब 50 लीटर सेनेटाइर की खपत हो रही है। जबकि जिला मुख्यालय होशंगाबाद में 10 लीटर प्रतिदिन की खपत है।
एक करोड़ का बजट मिला

कोरोनो से मुकाबले के लिए राज्य शासन ने जिला स्वास्थ्य विभाग को एक करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इसके साथ ही जिले के विधायकों ने भी अपनी-अपनी निधि से 80 लाख रुपए दिए हैं। तीन विधायकों ने खरीदी के अधिकार सीएमएचओ को दिए हैं ताकि वे अपनी जरूरतों के आधार पर कोरोना से बचाव के लिए खरीददारी कर सकें। विधायक निधि से यह खरीदने की तैयारी
जिले के विधायकों से मिली निधि से सेनेटाइजर, बीटीएम किट, सर्जिकल मास्क, इनफ्रा रेड थर्मामीटर, पीपीई किट, टायबेक सूट, हैंड बॉस, पल्स ऑक्सीमीटर, प्रोटेक्टिव ग्वागल और हैंड ग्लोब्स खरीदी विभाग करेगा। इसके लिए क्रय समिति बनाई है, इसमें सीएमएचओ डॉ.सुधीर जैसानी और डॉ.रविंद्र गंगराडे की मॉनिटरिंग में खरीदारी की जाना है।
अब तक इन पर किया खार्च

शासन से करीब एक करोड़ का बजट मिला है। इससे जिले में आईसीयू के लिए करीब 60 लाख का बजट एनएचएम से मिला था। दवाओं के लिए अलग से बजट आवंटित था। वहीं आईसीयू के वेंटिलेटर को कोर्पोरेशन से खरीदना था। इसके साथ कोविड-19 के सेंटरों में खर्च करने के लिए नोडल अधिकारियों को भी लाखों का बजट का आवंटन किया था। जिसमें से इन सेंटरों की व्यवस्थाएं बनाना था।
इनका कहना है
स्वास्थ्य विभाग में पहले सेनेटाइजर, मास्क का उपयोग ना के बराबर होता था। ओटी में ही सेनेटाइजर का उपयोग होता था। लेकिन अब हर दो घंटे में स्टॉफ हाथों को सेनेटाइज कर रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक सेनेटाइजेशन के लिए इनका उपयोग हो रहा है।
डॉ.रविंद्र गंगराडे, सीएस होशंगाबाद
हम प्रयास कर रहे हैं कि अगर कही संक्रमण अचानक बढ़ता है, जैसा कि आईसीएमआर की रिपोर्ट कहती है, हम उसके लिए तैयार हैं। जिले में सेनेटाइजर, हाइपोक्लोराइड, मास्क, एन 95 या पीपीई कीट हमारे पास भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहेगी।
डॉ.सुधीर जैसानी, सीएमएचओ होशंगाबाद

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