scriptमध्यप्रदेश के इस जिले में रोगी ढृूंढिए और इनाम पाइए स्कीम शुरू, जानने के लिए पढ़े खबर | 60 lakhs spent for nutrition support for 3133 TB patients | Patrika News
होशंगाबाद

मध्यप्रदेश के इस जिले में रोगी ढृूंढिए और इनाम पाइए स्कीम शुरू, जानने के लिए पढ़े खबर

एक साल में ढूंढे 792 रोगी, इनाम में मिले सवा 11 लाखइनामी योजना के बाद 3133 मरीज आए सामने, उन पर खर्च किए साठ लाख239 निजी डाक्टरों को एक लाख 19 हजार का किया भुगतान

होशंगाबादApr 12, 2019 / 01:01 pm

poonam soni

tv mareej

मध्यप्रदेश के इस जिले में रोगी ढृूंढिए और इनाम पाइए स्कीम शुरू, जानने के लिए पढ़े खबर

पूनम सोनी/होशंगाबाद. रोगी ढूंढिए और इनाम पाइए। सरकार की इस पहल ने होशंगाबाद जिले में गजब काम किया। बीते पांच साल के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और जिले में एक साल में अब तक सर्वाधिक 3133 क्षय (टीबी) रोगी सामने आए। उन्हें तंदुरुस्त करने पर सरकार ने 60 लाख रुपए खर्च कर दिए। इनमें से 793 रोगियों को ढूंढकर लाने वाले निजी चिकित्सकों और आशा कार्यकर्ताओं को ही इनाम के रूप में ११ लाख २५ हजार पांच सौ रुपए का भुगतान किया गया। जिले में पिछले पांच साल में ९६४३ टीबी मरीज मिले हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। एक अप्रेल 2018 से निक्षय पोषण योजना शुरू हुई है। इस योजना के तहत मरीज को पोषण आहार के लिए नगद राशि दी जाती है। इस बीमारी से पीडि़त को लाने पर इनाम दिया जाता है। जिले में एक साल में मरीजों को पोषण अहार के लिए 59 लाख 56 हजार 213 रुपए दिए जा चुके हैं। जिले में एक साल में 3133 मरीज सामने आए। इनमें से 239 मरीज निजी चिकित्सकों ने ढूंढकर भेजे। इसके बदले में शासन ने उन्हें एक लाख 19 हजार रुपए इनाम में दिए। इसी तरह आशा कार्यकर्ताओं ने 554 मरीज ढूंढे। उन्हें इनाम में 10 लाख छह हजार पांच सौ रुपए दिए गए।
आधा इनाम इलाज पूरा होने पर
क्षय रोगी को ढूंढकर लाने वाले प्रायवेट डॉक्टर को एक हजार का नगद इनाम दिया जाता है। इसमें से आधी राशि पोर्टल पर मरीज का पूरा विवरण अपलोड कर रजिस्ट्रेशन कराने पर व शेष 500 रुपए उसके ठीक होने के बाद दी जाती है। इस कारण अभी तक जिले के २३८ प्राइवेट डॉक्टरों को करीब एक लाख 19 हजार की राशि भुगतान की जा चुकी है। एक डॉक्टर ने इनाम लेने से इंकार कर दिया।
256 बच्चे भी चपेट में
बताया जाता है कि बीमारी की चपेट में सर्वाधिक झुग्गी बस्ती क्षेत्र हैं। जिले में २५6 बच्चे क्षय रोग से पीडि़त मिले। सर्वाधिक बच्चे होशंगाबाद में 66 और फिर सुखतवा में ५० सामने आए। इसके बाद 33 पिपरिया, 33 बनखेड़ी, 26 सोहागपुर, 25 सिवनी मालवा और 23 बनखेड़ी में मिले। यह सभी बच्चे जन्म से लेकर 12 साल तक की उम्र के हैं।
ऐसे बढ़ती गई संख्या
वर्ष – मरीज
2014-15 – 883
2015-16 – 813
2016-17 – 2474
2017-18 – 2458
2018-19 – 2563
2019 से अब तक – 452
कुल – 9643
फैक्ट फाइल
भारत में हर साल 27 लाख से अधिक मरीज आते हैं सामने
देश में 58 प्रतिशत को ही मिल पाता है उपचार
एक तिहाई या तो दर्ज नहीं होते या फिर उन्हें इलाज नहीं मिलता।
वर्ष 2015 में हुई थी 4.80 लाख लोगों की मौत
एक लाख की आबादी पर अब भी 111 लोग क्षय रोगी
आदिवासियों को 750 रुपए ज्यादा राशि
क्षय रोगियों को पोषण अहार के लिए पांच सौ रुपए महीना भुगतान किया जाता है। आदिवासियों को पांच सौ रुपए के अलावा 750 रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं। जिले में 372 क्षय रोगी आदिवासी हैं। जिन्हें दो लाख 79 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।
निक्षय पोषण योजना में जिले के सभी टीबी के मरीजों को न्यूट्रीशन सर्पोट के लिए ५०० रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। प्राइवेट डॉक्टर टीबी के मरीज ढूंढते हैं तो उन्हें एक हजार रुपए प्रति मरीज के हिसाब से इनाम दिया जाता है।
डॉ. संजय पुरोहित, जिला क्षय रोग अधिकारी, होशंगाबाद

Home / Hoshangabad / मध्यप्रदेश के इस जिले में रोगी ढृूंढिए और इनाम पाइए स्कीम शुरू, जानने के लिए पढ़े खबर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो