वनों के रखवालों के एक करोड़ रुपए अटके, यह है कारण
होशंगाबादPublished: Jun 12, 2019 01:14:33 pm
बजट नहीं मिलने से 650 सुरक्षा श्रमिकों का एक करोड़ अटका
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होशंगाबाद। वनों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए अस्थाई 650 कर्मचारियों का दो माह का करीब एक करोड़ रुपए वेतन अटका है। वेतन देने की बजाय अब विभाग करीब 150 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। जिससे उनके सामने रोजगार का संकट गहरा गया है।
इधर, इस मामले में एसटीआर के संयुक्त संचालक ने सफाई देते हुए कहा कि बजट नहीं मिलने से वेतन अटका है। डिमांड भेजी गई है। बजट मिलते ही वेतन भुगतान किया जाएगा। कर्मचारियों को काम से हटाने के मामले में उन्होंने कहा कि एक अपै्रल से 15 जून और इसके बाद 16 फरवरी से 31 मार्च तक सुरक्षा चौकीदार रखे जाते हैं। इस अवधि के बाद वे स्वत: ही हट जाते हैं। इसे हटाना नहीं कहते हैं। जब जरूरत होती है, तब रखते हैं। यह तो पचास साल से विभाग में चल रहा है। वन सुरक्षा श्रमिक कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष सुधीर तिवारी ने बताया कि दो महीने का कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया और करीब १५० कर्मचारियों को काम से निकाल भी दिया। कर्मचारियों की समस्याओं के संबंध में चर्चा के लिए वनसंरक्षक से समय मांगा गया है।
ढाई लाख रुपए बजट मांगा
एसटीआर के संयुक्त संचालक एके शुक्ला ने बताया कि जंगलों को आग से सुरक्षित रखने सहित अन्य कामकाज के लिए वन सुरक्षा श्रमिकों को अस्थाई तौर पर रखा जाता है। चुनाव की वजह से अपै्रल में भी बजट नहीं मिला था। हमने २ करोड़ ५० लाख रुपए बजट मांगा है। बजट मिलते ही चौकीदारों को भुगतान करेंगे।
विशेष
आरोप : वेतन भी नहीं दिया और १५० लोगों को काम से निकाला – जिलाध्यक्ष वनसुरक्षा संघ
सफाई : बजट नहीं मिलने से अटका वेतन, १५ जून के बाद चौकीदारों की छुट्टी – संयुक्त संचालक