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होशंगाबाद

आधार कार्ड की अनिवार्यता : आधार नहीं तो एफआईआर भी नहीं

अब थानों में भी आधार कार्ड लागू, रिपोर्ट लिखाने लाना होगा साथ, आरोपियों और गवाहों के भी आधार नंबर रखे जाएंगे रिकार्ड में

होशंगाबादFeb 22, 2018 / 12:47 pm

बृजेश चौकसे

aadhar card latest news in hindi and Check Aadhaar card status online

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होशंगाबाद। अब पुलिस थानों में भी आधार कार्ड लागू कर दिया गया है। शिकायत और एफआईआर दर्ज कराने के लिए आधार कार्ड साथ लेकर जाना होगा। फरियादी के साथ आरोपियों और गवाहों के आधार नंबर भी लेना अनिवार्य किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। होशंगाबाद, हरदा और बैतूल एसपी ने थानों को इस पर अमल करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
पीएचक्यू ने जनवरी में सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर आधार कार्ड लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से थानों में शिकायत दर्ज कराने आने वाले फरियादियों से आधार नंबर भी मांगा जा रहा है। हालांकि अभी फरियादियों को इसमें रियायत रखी गई है लेकिन आरोपी के पकड़े जाने पर उसके आधार का नंबर लेना अनिवार्य किया गया है। इससे जमानत के बाद भागने पर उसे ढूंढ निकालने में आसानी रहेगी। समंस और वारंट तमीली में भी पुलिस को मदद मिलेगी। सूत्र बताते हैं कि पता बदल जाने के कारण समंस और वारंट तामील नहीं होने से अदालतों में मामले लंबे चलते हैं, इस व्यवस्था से इसमें भी सुधार होगा। पुलिस संबंधित व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाएगी।

सीसीटीएनएस का उपयोग
इसके लिए सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) का इस्तेमाल होगा। सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर में एफआईआर के आवेदन में आधार नंबर का कालम है। इसमें उसका नंबर दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। कोर्ट में चालान भी सीसीटीएनएस फॉर्मेट में ही पेश किया जाएगा। इसमें गवाह और आरोपी के भी आधार नंबर दर्ज होंगे।
यह होगा फायदा
आरोपी कई बार नाम, पिता का नाम और पता गलत दर्ज कराते हैं। ऐसे एनडीपीएस एक्ट के मामलों में ज्यादा सामने आता है। इस व्यवस्था से आरोपी ऐसा नहीं कर पाएंगे। इससे उसके फरार होने पर भी पुलिस उस तक आसानी से पहुंच सकेगी। गवाह भी अदालत में गवाही देने नहीं पहुंचते हैं। पता बदल जाने से पुलिस परेशान होती है लेकिन आधार नंबर से उसकी पूरी जानकारी पुलिस हासिल कर लेगी।
फरियादियों को रियायत
‘जनवरी में पीएचक्यू के निर्देश मिले थे। इसे सभी थानों में लागू कर दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों का आधार नंबर हासिल करना शत प्रतिशत लागू किया गया है। फरियादियों को विशेष मौकों (जैसे रास्ते मे ंएक्सीडेंट, लूट या अन्य वारदात होने पर) रियायत दी गई है। ऐसा नहीं है कि बिना आधार के एफआईआर दर्ज ही नहीं कर रहे हैं, लेकिन कोशिश है कि आधार नंबर भी मिल जाए। भले ही बाद में पीडि़त उपलब्ध करा दे।Ó
अरविंद सक्सेना, एसपी होशंगाबाद
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