सूर्योदय से प्रात: 10.11 मि. तक पूर्णा संज्ञक पंचमी तिथि रहेगी। पश्चात नंदा संज्ञक षष्ठी तिथि लगेगी। पंचमी तिथि में नागों की पूजा करने से विष का भय नहीं रहता, स्त्री और संतान प्राप्त होते हैं और श्रेष्ठ लक्ष्मी भी प्राप्त होती है। षष्ठी तिथि में कार्तिकेय की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपसंपन्न, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ानेवाला हो जाता है।
सूर्योदय से दोप. 12.09 मि. तक मृदु मैत्र अनुराधा नक्षत्र पश्चात तीक्ष्ण दारुण ज्येष्ठा नक्षत्र लगेगा। वर-वधू की दिखाई रस्म, सगाई, विवाह आदि के लिए अनुराधा नक्षत्र शुभ माने गए हैं। सर्जरी और चिकित्सा संबंधी अन्य कार्यों के लिए अनुराधा नक्षत्र शुभ हैं। सरकारी कर्मियों की नियुक्ति, राजनीतिक संगोष्ठी आदि कार्य ज्येष्ठा नक्षत्र में निर्विवाद किए जा सकते हैं।
सूर्योदय से अर्धरात्रि 01.03 मि. तक आयुष्मान योग पश्चात सौभाग्य योग लगेगा। आयुष्मान योग के स्वामी चंद्रदेव माने जाते हैं जबकि सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मदेव माने गए हैं। विशिष्ट योग
दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हैं। इनमें किए गए कार्य की सफलता सुनिश्चित रहती है। विवाह से संबंधित समस्त कार्यों के लिए सौभाग्य योग बहुत शुभ माना जाता है।
आज के मुहूर्त – अनुकूल समय में नए घर की वास्तुशांति करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 06.19 मि. से 07.48 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। प्रात: 10.45 मि. से दोप. 01.41 मि. तक क्रमश: चंचल व लाभ के चौघडिय़ा रहेंगे एवं दोप. 04.38 मि. से सायं: 06.07 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा।
व्रत/पर्व – नवरात्रि पंचमी तिथि। नत पंचमी (उड़ीसा)। अर्धरात्रि 05.13 मि. पर शुक्रग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
चंद्रमा – सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा जल तत्व की वृश्चिक राशि में रहेंगे।
दिशाशूल- दक्षिण दिशा में। (अगर हो सकेतो आज के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा को
टालना चाहिए)।
राहु काल – दोप. 01.41.53 से 03.10.16 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके तो इस समय में
शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चों के नाम (ने, नो, या, यी, यू) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म लोहे के पाए में होगा। सूर्योदय से लेकर सम्पूर्ण दिवस पर्यन्त तक वृश्चिक राशि रहेगी। आज दोप. 12.09 मि. के पश्चात जन्म लिए बच्चे की मूलशांति अवश्य कराएं। ऐसे जातक शरीर से सशक्त होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 34 वर्ष की आयु में होगा। इनकी संकल्प व कल्पना शक्ति मजबूत होगी। कला व विज्ञान विषय के ज्ञाता होंगे। वृश्चिक राशि में जन्मे जातक को स्वार्थ तत्वी होने से बचना चाहिए। ऐसे जातक को अनैतिक कार्य से बचना चाहिए।