scriptधनतेरस 2019: आखिर क्यों इस दिन यमदेव के नाम का दीपक जलाया जाता है | Aakhir kyo is din yamdev ke nam ka deepak jalaaya jata hai | Patrika News

धनतेरस 2019: आखिर क्यों इस दिन यमदेव के नाम का दीपक जलाया जाता है

locationहोशंगाबादPublished: Oct 19, 2019 07:33:41 pm

Submitted by:

poonam soni

– जानिए इसका शुभ मुहुर्त और शुभ दिन

धनतेरस 2019

धनतेरस 2019

होशंगाबाद। धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। पंडित शुभम दुबे के अनुसार धनतेरस का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है। खासतौर पर विशेषकर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की। धनतेरस के दिन सोना खरीदना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है उसमें लाभ होता है। धनतेरस के दिन धन संपदा में वृद्धि होती है। इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। इस बार धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस दिन खरीददारी करना शुभ
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इसके ठीक दो दिन पहले धनवंतरी देवी धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन कुछ नई चीज खरीदना विशेषकर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही हैं। शास्त्रो के मुताबिक इस दिन जो चीज शुभ मुहूर्त में खरीदी जाती हैं, उससे जीवन में सुख-समृद्धि और धन सम्पदा में वृद्धि होती हैं7 ऐसे में आज हम आपको साल 2019 में मनाए जाने वाले धनतेरस पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और इस दिन की जाने वाली पूजा विधि के बारे में बताएँगे।
तिथि व शुभ मुहूर्त

(1) इस साल धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा।
(2) धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक हैं।
(3) प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 39 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा, प्रदोष काल में दीपदान और लक्ष्मी पूजन करना शुभ माना जाता हैं।
(4) वृषभ काल की पूजा का शुभ समय शाम 6 बजकर 51 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक हैं।
(5) त्रयोदशी की तिथि 25 अक्टूबर 2019, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर प्रम्भ होगी7 वहीं त्रयोदशी की तिथि 26 अक्टूबर शाम 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी।

पूजन विधि
इस दिन संध्याकाल में की गई पूजा बहुत लाभकारी होती हैं। पूजा करने के लिए पूजास्थल पर उत्तर दिशा की ओर भगवान कुबेर, धन्वन्तरी जी, माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की मूर्तियां स्थापित कर ले और फिर इनकी विधिवत पूजा करे। शास्त्रो के मुताबिक पूजा में भगवान कुबेर को सफ़ेद रंग की मिठाई और धन्वन्तरी जी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
धनतेरस यमदीप व पूजा विधि
इस दिन यमदेव की पूजा करने का विधान हैं। ऐसी मान्यता हैं कि यदि धनतेरस की शाम को यमदेव के नाम का दीपक जलाए जाऐ और उनकी पूजा की जाए तो व्यक्ति को उनके भय से छूटकरा मिलता हैं। यमराज के पूजा के लिए आते का चौमुखी दीपक बनाकर दीप जलाया जाता हैं और इसे घर के दक्षिण दिशा में मुख्य द्वारा के दाई ओर रखा जाता हैं। इसके साथ ही पूरी श्रद्धा के साथ उन्हें नमन करते हुए पूरे परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की जाती हैं।
धनतेरस पर बर्तन खरीदने का महत्व

पौराणिक कथाओं के मुताबिक कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुन्द्र मंथन किया गया, जिसमें से हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर भगवान धन्वन्तरी प्रकट हुए थे और तभी से इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही हैं। इस दिन खास कर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदना शुभ होता हैं, पीतल को भगवान धन्वन्तरी की धातु मानी जाती हैं, जो व्यक्ति को आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करती हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो