क्या था मामला
18-19 जुलाई को पुलिस एवं प्रशासन के संयुक्त अमले ने जासलपुर से अवैध रेत परिवहन करते 30 डंपर पकड़े थे। इनमें से 10 डंपर के रजिस्ट्रेशन नंबर में हेराफेरी पाई गई थी। कलेक्टर ने आरटीओ मनोज तेगुरिया को जांच कर इनके खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। आरटीओ ने जांच कर देहात थाने को पत्र लिखकर इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का कहा था।
पुलिस ने कथित रूप से डंपर मालिकों से सांठगांठ कर उन्हें राहत देने के लिए बीच का रास्ता निकाला। देहात थाना प्रभारी आशीष पवार ने मामला दर्ज करने से पूर्व लोक अभियोजन अधिकारी से अभिमत मांगा। उनकी राय के बाद पुलिस ने गंभीर अपराध न मानते हुए आठ डंपरों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट में मामूली कार्रवाई कर मामला कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने नियमानुसार आठ वाहनों पर 51 हजार 600 रुपए जुर्माना लगाकर छोडऩे के आदेश दिए।
इस कार्रवाई में यह सवाल भी उठ रहा है कि जब एक जैसे मामले होने पर पुलिस ने आठ डंपरों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई की है तो फिर अन्य दो डंपरों की किस बात की जांच की जा रही है।
– रजिस्टे्रशन व चेचिस नंबर अलग-अलग थे।
– डंपर के आगे की तरफ लिखे रजिस्टे्रशन नंबर को खांचा बनाकर उसमें दूसरी नंबर की प्लेट डाली गई थी। यह खांचा इस तरह बनाया गया था कि नंबर प्लेट चंद सेकंड में आसानी से बदली जा सके।
– डंपर के आगे अलग और पीछे अलग नंबर प्लेट लगी थी।
पुलिस का तर्क, इसलिए नहीं किया अपराध दर्ज पुलिस ने बताया कि हमारी जांच और जिला लोक अभियोजन अधिकारी से अभिमत से मामला मोटर यान अधिनियम 50/77 (वाहन में आगे या पीछे नंबर न लिखा होना) एवं 51/177 (वाहन में नंबर नियमानुसार नहीं पाया जाना) और मोटरयान अधि. के प्रावधान 66/92 (परमिट की शर्तों का उल्लंघन) का पाया गया, जो संज्ञेय (गंभीर) अपराध नहीं है।
वाहन एमपी 04 एचई 8761, एमपी 04 एचई 3872, एमपी 04 एचई 4044, एमपी 04 एचई 8372, एमपी 04 एचई 8872, एमपी 04 एचई 6761 एवं आरजे 14 जीएच 3892 पर 6200-6200 रुपए और एमपी04 एचई 5161 पर 8200 रुपए का जुर्माना लगा।
-मनोज तेहनगुरिया, आरटीओ
-आशीष सिंह पवार, टीआई देहात थाना
-ब्रजेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता