scriptये है भाजपा सांसद का गोद लिया आदर्श गांव, जहां छात्राएं कर रहीं बिना गेट के शौचालय का इ्रस्तेमाल | Adarsh Gram, after adopting himself, did not reach Parliament | Patrika News

ये है भाजपा सांसद का गोद लिया आदर्श गांव, जहां छात्राएं कर रहीं बिना गेट के शौचालय का इ्रस्तेमाल

locationहोशंगाबादPublished: Dec 30, 2018 12:10:23 pm

Submitted by:

poonam soni

छात्राओं के लिए स्कूल में बने शौचालय में गेट नहीं, सड़क पर बह रही नालियों की गंदगी

sansad

छात्राओं के लिए स्कूल में बने शौचालय में गेट नहीं, सड़क पर बह रही नालियांे की गंदगी

होशंगाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्दश सांसद ग्राम की परिकल्पना होशंगाबाद में धराशायी हो गई। भाजपा सांसद राव उदय प्रताप सिंह अब तक गोद लिए अपने गांव को ही आदर्श नहीं बना पाए। ग्रामीणों का आरोप है कि गोद लेने के बाद सांसद खुद ही नहीं आए। गांव की स्थिति यह है कि नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। स्कूल में छात्राआंे के लिए बने शौचालय में गेट तक नहीं हैं। स्कूलों में 250 बच्चों का दाखिला है, लेकिन बामुश्किल 80 आते हैं। पूछने पर शिक्षक कहते हैं साॢदयों की वजह से नहीं आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। नया साल शुरू होते ही चुनावी माहौल और फिर अगले दो-तीन माह में आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। इससे पहले पत्रिका, सांसद राव उदयप्रताप सिंह के आदर्श गांव सांगाखेड़ा कला के विकास का जायजा लेने पहुंची तो हालात निराशजनक मिले। 7500 की आबादी वाले गांव की सड़कों पर कीचड़ मिली तो शास. माध्यमिक कन्या शाला में बने शौचालयों में न तो गेट था और न ही पानी। स्वास्थ्य सुविधाएं तो सिर्फ नाम की मिलीं। यह गांव होशंगाबाद की सबसे बड़ी पंचायत में आता है। ग्रामीण कहते हैं, अब सांसद से किसी तरह की उम्मीदें करना भी बेमानी है। विकास के नाम पर अधिकारियों और पंचायत में पैसे तो खूब आए, लेकिन वो पैसे गए कहां किसी को पता नहीं। गांव में टुकड़ों में सीमेंट की सड़क बनाई गई है। इनके बगल की नालियां जाम हैं। इस कारण घरों की गंदगी सड़क पर बह रही है। जिससे उससे गुजरना तक मुश्किल है। गांव वाले शिकायत करके थक चुके, कोई सुनने वाला नहीं। गंदगी के कारण मच्छरों की भरमार हो गई है। इधर सांसद इस संबंध में दो दिनों तक संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन फोन बंद होने से उनसे बात नहीं हो पाई।

विरोध के बाद भी शराब दुकान नहीं हटी- सांसद नर्मदा तट से करीब 3.5 किलोमीटर दूरी पर होने के बावजूद चार साल में गांव से शराब दुकान नहीं हटवा पाए। पूरे गांव ने दुकान का विरोध किया, बावजूद वह जस के तस है। विरोध के कारण यह महज 50 कदम दूरी जा सकी।
टंकी तैयार पर घरों में नहीं आ रहा पानी- गांव में दो साल पहले पानी की टंकी बन चुकी है, लेकिन घरों में लगे नलों में अब तक पानी नहीं पहुंच पाया है। इससे पहले पुरानी टंकी से करीब 350 परिवारों को पानी पहुंचाया जा रहा था। लेकिन जो पाइप लाइन बिछाई गई, वो भी जल्द फूट गई, जिससे लोगों के घरों तक पानी सप्लाई ठप है।
सोसायटी भी बंद, किसान परेशान- गांव में सोसायटी को बंद करने के बाद से किसान परेशान है। अब किसानों के खाद, गेहूं और धान की बिक्री के लिए होशंगाबाद आना पड़ेगा। इससे किसान नाराज हैं।
तस्वीर बदलने में असफल- मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को योजना की शुरूआत की थी। सांसदों को एक साल के लिए एक गांव गोद लेकर वहां विकास कार्य करना था। लेकिन सांसद पहले ही गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने में असफल रहे।
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