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नोटबंदी के बाद इन खातों में पहुंचे थे करोड़ों रुपए, आयकर विभाग को मिली थी जिम्मेदारी

locationहोशंगाबादPublished: Sep 15, 2019 01:36:33 pm

Submitted by:

amit sharma

ज्यादा राशि जमा होने पर बैंक ने आयकर विभाग को दी थी सूचना, विभाग ने फरवरी 2017 में मांगी थी खातों की जानकारी

2000 note

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होशंगाबाद। भारत सरकार की जनधन योजना के अतर्गत जिले की 29 बैंक शाखाओं में 12 नबंवर 2016 को हुई नोटबंदी के तुरंत बाद करीब तीस करोड़ की राशि जमा की गई थी। जिलेभर में इन शाखाओं के माध्यम से 2 लाख 91 हजार 408 खाते खोले गए थे। नोटबंदी के तुरंत बाद इतनी बड़ी राशि जमा होने के कारण लीड बैंक ने इसकी जानकारी तुरंत आयकर विभाग को दी थी। जिसके बाद आयकर ने इनको खातों को खंगालना शुरू किया था।
जिसके अंतगर्त आयकर विभाग ने संबंधित बैंकों से फरवरी 2017 के बाद के जनधन खातों की जानकारियां चाही थी, जिसमें एक लाख से अधिक की रकम को जमा किया गया हो।
ठंडे बस्ते में मामला
बताया जाता है कि नोटबंदी के समय सबसे अधिक राशि ग्रामीण बैंकों मंे जमा की गई है। इसमें सेंट्रल बैंक से लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अधिक राशि जमा की गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 21 राष्ट्रीयकृत बैंक और 8 निजी बैंकों में जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए थे।
मामले में जानकारी एकत्र की जाएगी
नए सेंट्रल बैंक के लीड मैनेजर का कहना है कि मामला काफी पुराना है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। लेकिन अब उक्त मामले में आगे क्या हुआ इस विषय में जानकारी एकात्रित की जाएगी।
बैंक राशि
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 10 करोड़ 52 हजार
बैंक ऑफ इंडिया 7 करोड़ 62 लाख
पीएनबी 5 करोड़ 19 लाख
यूको बैंक 1 करोड़ 98 लाख
ओबीसी बैंक 1 करोड़ 29 लाख
केनरा बैंक 1 करोड़ 7 लाख
बैंक ऑफ बडोदा 1 करोड़ 1 लाख
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 88 लाख 88 हजार
देना बैंक 73 लाख 10 हजार
इलाहबाद बैंक 28 लाख 10 हजार
(नोटबंदी के बाद जनधन के खातों में आई राशि की आयकर विभाग को भेजी 2017 की रिपोर्ट के अनुसार )
इनका कहना है
हमने पूर्व में जनधन में जमा पैसों की समीक्षा कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जानकारी सौंप दी थी। उसके बाद कार्रवाई का क्या हुई उस संबंध में जानकारी नहीं लगी। हालांकि मामला काफी पुराना है। वहां के वर्तमान एलडीएम जानकारी दे सकेंगे।
आरके त्रिपाठी, सेवानिवृत एलडीएम होशंगाबाद
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