ठंडे बस्ते में मामला
बताया जाता है कि नोटबंदी के समय सबसे अधिक राशि ग्रामीण बैंकों मंे जमा की गई है। इसमें सेंट्रल बैंक से लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अधिक राशि जमा की गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 21 राष्ट्रीयकृत बैंक और 8 निजी बैंकों में जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए थे।
बताया जाता है कि नोटबंदी के समय सबसे अधिक राशि ग्रामीण बैंकों मंे जमा की गई है। इसमें सेंट्रल बैंक से लेकर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अधिक राशि जमा की गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 21 राष्ट्रीयकृत बैंक और 8 निजी बैंकों में जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोले गए थे।
मामले में जानकारी एकत्र की जाएगी
नए सेंट्रल बैंक के लीड मैनेजर का कहना है कि मामला काफी पुराना है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। लेकिन अब उक्त मामले में आगे क्या हुआ इस विषय में जानकारी एकात्रित की जाएगी।
नए सेंट्रल बैंक के लीड मैनेजर का कहना है कि मामला काफी पुराना है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। लेकिन अब उक्त मामले में आगे क्या हुआ इस विषय में जानकारी एकात्रित की जाएगी।
बैंक राशि
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 10 करोड़ 52 हजार
बैंक ऑफ इंडिया 7 करोड़ 62 लाख
पीएनबी 5 करोड़ 19 लाख
यूको बैंक 1 करोड़ 98 लाख
ओबीसी बैंक 1 करोड़ 29 लाख
केनरा बैंक 1 करोड़ 7 लाख
बैंक ऑफ बडोदा 1 करोड़ 1 लाख
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 88 लाख 88 हजार
देना बैंक 73 लाख 10 हजार
इलाहबाद बैंक 28 लाख 10 हजार
(नोटबंदी के बाद जनधन के खातों में आई राशि की आयकर विभाग को भेजी 2017 की रिपोर्ट के अनुसार )
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 10 करोड़ 52 हजार
बैंक ऑफ इंडिया 7 करोड़ 62 लाख
पीएनबी 5 करोड़ 19 लाख
यूको बैंक 1 करोड़ 98 लाख
ओबीसी बैंक 1 करोड़ 29 लाख
केनरा बैंक 1 करोड़ 7 लाख
बैंक ऑफ बडोदा 1 करोड़ 1 लाख
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 88 लाख 88 हजार
देना बैंक 73 लाख 10 हजार
इलाहबाद बैंक 28 लाख 10 हजार
(नोटबंदी के बाद जनधन के खातों में आई राशि की आयकर विभाग को भेजी 2017 की रिपोर्ट के अनुसार )
इनका कहना है
हमने पूर्व में जनधन में जमा पैसों की समीक्षा कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जानकारी सौंप दी थी। उसके बाद कार्रवाई का क्या हुई उस संबंध में जानकारी नहीं लगी। हालांकि मामला काफी पुराना है। वहां के वर्तमान एलडीएम जानकारी दे सकेंगे।
आरके त्रिपाठी, सेवानिवृत एलडीएम होशंगाबाद
हमने पूर्व में जनधन में जमा पैसों की समीक्षा कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जानकारी सौंप दी थी। उसके बाद कार्रवाई का क्या हुई उस संबंध में जानकारी नहीं लगी। हालांकि मामला काफी पुराना है। वहां के वर्तमान एलडीएम जानकारी दे सकेंगे।
आरके त्रिपाठी, सेवानिवृत एलडीएम होशंगाबाद