scriptहोशंगाबाद में चिन्हित जमीन पर आपत्ति के बाद प्रशासन तलाश रहा भूमि, इटारसी में भी नहीं बना ट्रांसपोर्ट नगर | After objection to the land marked in Hoshangabad, the administration | Patrika News

होशंगाबाद में चिन्हित जमीन पर आपत्ति के बाद प्रशासन तलाश रहा भूमि, इटारसी में भी नहीं बना ट्रांसपोर्ट नगर

locationहोशंगाबादPublished: Jan 17, 2022 09:09:03 pm

Submitted by:

Manoj Kundoo

होशंगाबाद और इटारसी में नहीं है ट्रांसपोर्ट नगर, हाइवे किनारे खड़े भारी वाहनों से हादसे का बना रहता है खतरा
 

Singrauli coal transport demand increase fare increase price of diesel

Singrauli coal transport demand increase fare increase price of diesel

होशंगाबाद
होशंगाबाद और इटारसी में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने की वजह से भारी वाहन सडक़ और हाइवे किनारे खड़े रहते हैं। जिससे हादसों का अंदेशा बना हुआ है। होशंगाबाद में रायपुर रोड पर प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर की जमीन पर विवाद और आपत्तियों की वजह से स्थान परिवर्तन करने के लिए नई जमीन की तलाश की जा रही है। इधर इटारसी में भी अब तक ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बन पाया है। हालात यह हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होन की वजह से सडक़ किनारे भारी वाहन खड़े रहते हैं। पूर्व में होशंगाबाद-इटारसी के बीच हाईवे पर कई हादसे हो चुके हैं। जिनमें लोगों की जान भी जा चुकी है।
भीड़भाड़ वाले इलाके में ट्रांसपोर्ट कारोबार-
इटारसी शहर में पिछले २७ साल में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बन पाया। हालात यह हैं कि ट्रांसपोर्ट कारोबार शहर के भीड़भाड़ वाले और मुख्य सडक़ों पर चलता है। इन रास्तों और इलाकों से आने-जाने वालों को इससे परेशानी होती है। दिन के समय मुख्य सडक़ों पर भारी वाहनों की आवाजाही और लोडिंग-अनलोडिंग से यातायात व्यवस्था का हाल बुरा है। होशंगाबाद शहर में भी ट्रांसपोर्ट कारोबार शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में चलता है। ज्यादातर दिन के समय ही लोडिंग-अनलोडिंग होती है।
फ्लैश बैक : हाइवे पर खड़े डंपर से हुआ था हादसा-
हाइवे पर खड़े एक डंपर से टकराने की वजह से दिसंबर २०१८ में इटारसी निवासी कृषि विस्तारक अधिकारी शैलेंद्र सिंह चौहान की मौत हो गई थी। हादसे के बाद वाहनों के सामने और पीछे रेडियम रिफ्लेक्टर लगाने की मांग उठी थी, लेकिन अब तक इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई। हालात यह हैं कि अब भी हाइवे पर सडक़ के दोनों तरफ वाहन खड़े रहते हैं। रात के समय अंधेरे में तो कई वाहन नजर तक नहीं आते।
१९९५ में बनी थी कार्ययोजना-
नगरपालिका इटारसी ने शहर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए वर्ष १९९५ में कवायद शुरू की थी। जिसमें डायवर्सन रोड के पास की भूमि को डायवर्सन नगर बनाने के लिए चिन्हित किया गया था। जिसके बाद योजना कागजों में सिमटकर रह गई। अब मास्टर प्लान में रैसलपुर के पास ट्रांसपोर्ट नगर विकसित करने की योजना है। जिस पर अब तक काम शुरू नहीं हुआ।
मुख्यालय बनाने के प्रस्ताव पर आपत्ति से अटका विकास प्राधिकरण-
नपा इटारसी और होशंगाबाद को मिलाकर विकास प्राधिकरण बनाने की योजना सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गई। दोनों नगरपालिकाओं के बीच मुख्यालय अपने-अपने यहां बनाने के प्रस्ताव ने विवाद खड़ा कर दिया था। वर्ष २०१५ में शासन ने होशंगाबाद और इटारसी को तेजी से विकास करने के लिए ट्विन सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक साथ विकसित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए दोनों नगर पालिकाओं से सहमति मांगी गई थी। दोनों ने नगरपालिका परिषद में प्रस्ताव पास कराकर अपनी सहमति दी थी। लेकिन इटारसी नगर पालिका ने उसमें मुख्यालय अपने यहां रखने की शर्त जोड़ दी। जबकि जिला मुख्यालय होने के कारण इसका स्वभाविक दावेदार होशंगाबाद था। दोनों नगर पालिकाएं अपने-अपने यहां मुख्यालय चाहती थी।

इनका कहना है…
हाइवे किनारे खड़े वाहनों से हादसे की संभावना रहती है। इस समस्या से निपटने के लिए कार्ययोजना बनाएंगे।
-एमएस रघुवंशी, एसडीएम इटारसी

रायपुर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए स्थान चयन किया गया था। जिस पर आपत्तियों की वजह से टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने बदलाव किया है।
-शैलेंद्र बड़ोनिया, प्रभारी सीएमओ नपा होशंगाबाद
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो