चांद को देख खोलेंगी व्रत
करवाचौथ में जिस तरह चांद को देखकर उपवास खोला जाता हैं ठीक उसी तरह इस व्रत में भी महिलाएं तारों को अघ्र्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं। वही कई बार व्रत रखने के दौरान जाने अनजाने कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिससे व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता हैं वही आज हम आपको कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अहोई व्रत के पूजन में आपको पुण्य फल प्रदान करा सकता हैं तो आइए जानते हैं।
अनहोनी से बचाना
अहोई यानी के ‘अनहोनी से बचाना’ किसी भी अमंगल या अनिष्ट से अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। यही नहीं संतान की कामना के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं।
अहोई यानी के ‘अनहोनी से बचाना’ किसी भी अमंगल या अनिष्ट से अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। यही नहीं संतान की कामना के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं।
यह है मुहुर्त
शाम 04बजकर 22 मिनट
शाम 05बजकर 48 मिनट तक रहेगा
तारों को देखने का समय शाम 06 बजकर 10 मिनट
चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 46 मिनट तक
ऐसे करें पूजन
सुबह उठकर स्नान करके घर के मंदिर की दीवार पर गेरु और चावल से अहोई माता यानी की मां पार्वती और स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। आप पोस्टर भी बाजार से लाकर पूजा कर सकती हैं एक नए मटके में पानी भरकर उस पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। अब मटके के ढक्कन पर सिंघाड़े रखें।
परिवार के साथ मिलकर करें ऐसा काम
परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान कर व्रत की कथा पढ़ें और सबको प्रसाद बांटें। मटके में रखे हुए पानी को खाली ना करें। इससे दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाए। इससे घर में बरकत आती हैं बाद में शा के समय सितारों को अध्र्य देकर उपवास खोल लें।
परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान कर व्रत की कथा पढ़ें और सबको प्रसाद बांटें। मटके में रखे हुए पानी को खाली ना करें। इससे दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाए। इससे घर में बरकत आती हैं बाद में शा के समय सितारों को अध्र्य देकर उपवास खोल लें।