scriptAhoi Ashtami 2019: मटके के ढक्कन पर सिघांडे रखकर होती है पूजा, आखिर ऐसा क्यों | Ahoi Ashtami 2019 significance and story in hindi | Patrika News

Ahoi Ashtami 2019: मटके के ढक्कन पर सिघांडे रखकर होती है पूजा, आखिर ऐसा क्यों

locationहोशंगाबादPublished: Oct 19, 2019 08:33:43 pm

Submitted by:

poonam soni

अहोई पूजन में भूलकर भी न करें ये गलतियां, नहीं तो हो सकता है कुछ ऐसा

Ahoi

Ahoi Ashtami 2019

होशंगाबाद। कार्तिक माह में अहोई अष्टमी का व्रत बहुत ही खास व्रत माना जाता है।ं इस दिन महिलाए करवाचौथ के व्रत की तरह ही निर्जला व्रत रखती हैं वही कार्तिक मास की अष्टमी यानि की 21 अक्टूबर को प्रदेश की महिलाएं अपनी संतान की सुख समृद्धि के लिए उपवास करती हैं। वही इस व्रत के दौरान महिलाएं पूरे विधि विधान के साथ अहोई माता की पूजा करती हैं। पंडि़त शुभम दुबे के अनुसार अहोई अष्टमी व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस दिन अहोई माता (पार्वती) की पूजा की जाती है। इस दिन किए उपाय आपकी हर मुश्किल दूर कर सकते हैं. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर अपने संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती हैं।

चांद को देख खोलेंगी व्रत
करवाचौथ में जिस तरह चांद को देखकर उपवास खोला जाता हैं ठीक उसी तरह इस व्रत में भी महिलाएं तारों को अघ्र्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं। वही कई बार व्रत रखने के दौरान जाने अनजाने कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिससे व्रत का पुण्य फल प्राप्त नहीं हो पाता हैं वही आज हम आपको कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अहोई व्रत के पूजन में आपको पुण्य फल प्रदान करा सकता हैं तो आइए जानते हैं।
अनहोनी से बचाना
अहोई यानी के ‘अनहोनी से बचाना’ किसी भी अमंगल या अनिष्ट से अपने बच्चों की रक्षा करने के लिए महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। यही नहीं संतान की कामना के लिए भी यह व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं कठोर व्रत रखती हैं।

यह है मुहुर्त
शाम 04बजकर 22 मिनट
शाम 05बजकर 48 मिनट तक रहेगा
तारों को देखने का समय शाम 06 बजकर 10 मिनट
चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 46 मिनट तक


ऐसे करें पूजन
सुबह उठकर स्नान करके घर के मंदिर की दीवार पर गेरु और चावल से अहोई माता यानी की मां पार्वती और स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। आप पोस्टर भी बाजार से लाकर पूजा कर सकती हैं एक नए मटके में पानी भरकर उस पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। अब मटके के ढक्कन पर सिंघाड़े रखें।
परिवार के साथ मिलकर करें ऐसा काम
परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान कर व्रत की कथा पढ़ें और सबको प्रसाद बांटें। मटके में रखे हुए पानी को खाली ना करें। इससे दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाए। इससे घर में बरकत आती हैं बाद में शा के समय सितारों को अध्र्य देकर उपवास खोल लें।
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