पांचों संगठन कर रही एफडीआई का विरोध, असमंजस में कोल कर्मी
होशंगाबादPublished: Sep 13, 2019 11:26:23 pm
अलग-अलग हड़ताल को लेकर संशय की स्थिति
पांचों संगठन कर रही एफडीआई का विरोध, असमंजस में कोल कर्मी
सारनी. कोयला खनन में सौ फीसदी एफडीआई को मंजूरी के निर्णय से भारत सरकार के खिलाफ पांचों केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने हड़ताल का निर्णय लेकर तारीखों का ऐलान किया है।सभी संगठन कोयला के मजदूरों से एक होकर एकता का परिचय देने का आह्वान कर रहे हैं। वहीं श्रमिक संगठनों द्वारा अलग-अलग आंदोलन का ऐलान कर खुद ही मजदूरों की नजरों में एक नहीं हो पा रहे हैं। इससे कोयला के मजदूरों में असमंजस की स्थिति बनी है कि आखिर हमें एकता का पाठ पढ़ाने वाले खुद एक क्यों नहीं हो रहे। इसको लेकर यूनियनों पर भरोसा रखने और यूनियनों पर विश्वास नहीं करने वालों के बीच भी असमंजस की स्थिति है। दरअसल, पहले ही इंटक, एचएमएस, एटक और सीटू यूनियन ने संयुक्त रूप से बैठक कर 24 सितंबर को एक दिनी हड़ताल का निर्णय लेकर तारीख का ऐलान कर दिया। इसके बाद 8 सितंबर को अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ ने भी 23 से 27 सितंबर तक पांच दिनी हड़ताल का ऐलान कर दिया।कोयला के मजदूरों का मानना है कि जब सभी एफडीआई का विरोध कर रहे हैं तो हमें गेट मीटिंग में एकता का पाठ पढ़ाने वाले खुद एक क्यों नहीं हो रहे। बहरहाल चार यूनियनों से बने संयुक्त मोर्चा और अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ ने हड़ताल का नोटिस देकर कोल इंडिया प्रबंधन और सरकार की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी।
कोल इंडिया को बचाना हमारा लक्ष्य : डॉ. राय
सारनी. अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के कोल प्रभारी व ऑल पब्लिक सेक्टर प्रभारी डॉ. बसंत राय के निवास पर शुक्रवार को वेकोलि समन्वय समिति की बैठक हुई।दोपहर 2 बजे प्रारंभ हुई बैठक शाम तक चली। इस मौके पर डॉ. बीके राय ने कहा 23 से 27 सितंबर तक हड़ताल होकर रहेगी। उन्होंने कहा हम चक्रव्यूह का दरवाजा तोडऩा और बाहर निकलना दोनों जानते हैं। बीएमएस ने विनिवेश और एफडीआई का हमेशा विरोध किया है और करते रहेंगे। हमारे सामने पहले राष्ट्र है। हम दूसरे संगठन के साथ नहीं जाएंगे। यह हड़ताल वापस नहीं होगी। 27 को हड़ताल बढ़ाने की घोषणा भी की जा सकती है। डॉ. राय ने कहा हड़ताल सफल होगी। उन्होंने कहा जीवन एक महाभारत है। बस अंत:कारण में झांकने की जरूरत है। किसी अपेक्षा, लालच के लिए नहीं। बल्कि कोल इंडिया को बचाना हमारा कर्तव्य है। डॉ. राय ने कहा हमने कभी हड़ताल वापस नहीं ली। हमें वक्त आने पर ही हड़ताल की है। उन्होंने कहा सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो पांच दिनी हड़ताल और भी बढ़ सकती है।