अमृत सरोवर से चमकेगी ग्रामीणों की किस्मत
जलाभिषेक अभियान में मुख्य रूप से अमृत सरोवर यानी नए तालाबों के निर्माण हाथों में लिए गए हैं। इसमें बड़ी लागत के तालाब व कुछ स्टॉप डेम तैयार किए जा रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार इन कार्यों पर मनरेगा योजना के साथ अन्य योजनाओं तथा पंचायतों की अन्य निधि भी खर्च की जा रही है। मनरेगा से श्रमिकों को रोजगार देकर सामग्री राशि भी दी जा रही है। इन तालाबों से ग्रामीणों और जरूरतमंद किसानों की किस्मत चमकेगी। उनकी सिंचाई समस्या दूर होगी। बारिश के बाद भी वह अपने खेतों में फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
15 जून तक बारिश के पहले पूर्ण होना है कार्य
ये सभी जल संरचनाएं आगामी 15 जून तक यानी बारिश शुरू होने से पहले पूर्ण किए जाने हैं। इस संबंध में सीईओ ने ने कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक एवं समय-सीमा में करने के लिए सभी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है।
जलाभिषेक अभियान में मुख्य रूप से अमृत सरोवर यानी नए तालाबों के निर्माण हाथों में लिए गए हैं। इसमें बड़ी लागत के तालाब व कुछ स्टॉप डेम तैयार किए जा रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार इन कार्यों पर मनरेगा योजना के साथ अन्य योजनाओं तथा पंचायतों की अन्य निधि भी खर्च की जा रही है। मनरेगा से श्रमिकों को रोजगार देकर सामग्री राशि भी दी जा रही है। इन तालाबों से ग्रामीणों और जरूरतमंद किसानों की किस्मत चमकेगी। उनकी सिंचाई समस्या दूर होगी। बारिश के बाद भी वह अपने खेतों में फसलों की सिंचाई कर सकेंगे।
15 जून तक बारिश के पहले पूर्ण होना है कार्य
ये सभी जल संरचनाएं आगामी 15 जून तक यानी बारिश शुरू होने से पहले पूर्ण किए जाने हैं। इस संबंध में सीईओ ने ने कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक एवं समय-सीमा में करने के लिए सभी जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है।
इनका कहना है...
जिले में 11 अप्रेल से जलाभिषेक अभियान शुरू किया गया है। इसमें करीब सात सौ जल संरचनाएं बनवाई जा रही है, ताकि बारिश में इसमें जल भराव होने पर खेती-बाड़ी के लिए सिंचाई का पानी मुहैया हो सके। साथ ही नए तालाबों में मछलीपालन के साथ ही सिंघाड़े की पैदावार होगी।
-मनोज सरियाम, सीईओ जिला पंचायत नर्मदापुरम।
जिले में 11 अप्रेल से जलाभिषेक अभियान शुरू किया गया है। इसमें करीब सात सौ जल संरचनाएं बनवाई जा रही है, ताकि बारिश में इसमें जल भराव होने पर खेती-बाड़ी के लिए सिंचाई का पानी मुहैया हो सके। साथ ही नए तालाबों में मछलीपालन के साथ ही सिंघाड़े की पैदावार होगी।
-मनोज सरियाम, सीईओ जिला पंचायत नर्मदापुरम।