नाराज किसानों ने 3 घंटे किया चक्काजाम
- नेशनल हाइवे ६९ पर लगी वाहनों की कतार
- उड़द के दाम गिराने से भड़का किसानों का गुस्सा

इटारसी। कृषि उपज मंडी में उड़द बेचने पहुंचे सैंकड़ों किसानों ने सोमवार सुबह 11 बजे हंगामा कर दिया। व्यापारियों द्वारा उड़द के भाव कम बोलने से किसानों का गुस्सा भड़का। नाराज किसानों ने करीब ३ घंटे तक नेशनल हाइवे ६९ को जाम कर दिया। एडीएम और एडिशनल एसपी के हस्तक्षेप के बाद जाम को खत्म किया जा सके और वाहनों की आवाजाही चालू कराई गई। एक सप्ताह में किसानों का यह दूसरा आंदोलन था जिसमें किसान प्रशासन से भिडऩे की मुद्रा में नजर आए।
यह था मामला
कृषि उपज मंडी परिसर में बड़ी संख्या में किसान उड़द बेचने पहुंच रहे हैं। करीब 10 दिन पहले कृषि उपज मंडी में उड़द लेकर पहुंचे किसानों को करीब ३३०० से ३५०० रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिला था। बाद में कुछ किसानों की उड़द मंडी में 1000 से 1200 रुपए कम कर व्यापारियों ने २२०० से 2४०० रुपए के भाव खरीदी तब भी किसान चुप रहे। सोमवार को जब व्यापारियों ने उड़द के दाम ५०० रुपए से बोलना चालू किए तो किसानों का गुस्सा भड़क गया। किसानों की उड़द का भाव अधिकतम १४०० से ज्यादा नहीं जाने से किसानों का पारा चढ़ गया और वे उड़द के ढेरों को मंडी में छोड़कर नेशनल हाइवे ६९ पर जमा हो गए।
हाइवे पर धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी---------०३
सुबह करीब 11 बजे लगभग 500 किसान मंडी गेट के सामने हाइवे ६९ पर जमा हो गए। नाराज किसानों ने सड़क पर बैठकर धरना चालू कर दिया और भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। करीब ३ घंटे तक किसान नेशनल हाइवे ६९ पर धरना देकर बैठे रहे। किसानों की शिकायत थी कि मंडी में व्यापारियों ने आपस में हाथ मिला लिया है और जानबूझकर किसानों की उड़द का भाव कम बोल रहे हैं। किसानों का मजाक व्यापारियों द्वारा बनाया जा रहा है।
एसडीएम की भी नहीं सुनी----------फोटो----०४
किसानों के हाइवे की सड़क पर विरोधस्वरूप बैठ जाने से ट्रेफिक जाम हो गया। वाहनों की लंबी कतार होशंगाबाद रोड की तरफ और पुरानी इटारसी मार्ग की तरफ लग गई। नाराज किसानों को समझाने के लिए एसडीएम हिमांशुचंद्र मंडी पहुंचे। उन्होंने व्यापारियों के साथ बंद कमरे में बैठक भी की। इसके बाद एसडीएम हिमांशुचंद्र ने फिर से बोली लगवाने की कोशिश की मगर किसान नहीं माने और वापस जाम में पहुंच गए।
एसडीएम और व्यापारी आमने-सामने
हाइवे पर बिगड़ती स्थिति को मंडी के सभाकक्ष में एसडीएम ने सभी व्यापारियों को बुलवाया और उन पर अपरोक्ष रूप से दबाव डालकर उड़द का सही देने के लिए कहा। एसडीएम के तर्क सुन व्यापारियों ने बिना दबाव में आए अपनी बात रखी। व्यापारियों ने इस समस्या के लिए मंडी प्रबंधन को भी दोषी ठहराया। व्यापारियों ने एसडीएम से आप शासन से चर्चा करें और भावान्तर योजना की तारीख आगे बढ़वाएं इससे मंडी में हो रही रेलमपेल खत्म होगी। एसडीएम ने इस संबंध में शासन से चर्चा करने की बात कही।
एडीएम-एएसपी की सख्ती से खुला जाम------फोटो---०५
3 घंटे तक हाइवे जाम से आम लोगों की हालत खराब होने लगी थी। किसानों में शामिल कुछ उत्पाती युवा बार-बार माहौल को बिगाडऩे की कोशिश में लगे थे। करीब 20 मिनट तक किसानों से चर्चा के बाद भी किसान अडिय़ल रवैए पर अड़े रहे। किसानों का अडिय़ल रवैया देख एडिशनल एसपी ने स्टाफ के साथ कमान संभाली और सख्ती दिखाते हुए सड़क पर बैठे किसानों को वहां से खदेड़ते हुए मंडी परिसर में कर दिया और उसके बाद जाम को खुलवा दिया।
पत्रिका ने किया था आगाह
9 दिसंबर को पत्रिका ने कृषि उपज मंडी में फिर से शुरू हुई उड़द खरीदी में मनमानी की खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। पत्रिका ने किसानों में बढ़ रहे आक्रोश और दोबारा चक्काजाम होने की संभावना पहले ही जता दी थी बावजूद उसके ना तो प्रशासन सतर्क हुआ और ना ही मंडी प्रबंधन ने ध्यान दिया।
किसने क्या कहा
किसानों की उड़द को कचरा समझ लिया है। व्यापारी ५०० रुपए से भाव शुरू ेकर रहे हैं। मंडी में मनमानी की जा रही है और किसानों को परेशान होना पड़ रहा है।
जगदीश वर्मा, किसान बड़ोदिया कलां
किसानों को जिस उड़द को पहले ३५०० रुपए भाव दिए थे अब उसका भाव व्यापारी गिराकर ५०० से 1000 रुपए बोल रहे हैं। व्यापारियों की मिलीभगत दिख रही है।
राकेश गौर, किसान डोलरिया
व्यापारियों मंडी में अपनी मनमानी कर रहे हंै। किसानों की उड़द को बिल्कुल ऐसा बताया जा रहा है जैसे वह खराब माल ला रहे हैं।
रामविलास मीना, किसान जमुनिया
व्यापारियों को मालूम है कि 15 दिसंबर तक का ही समय है और किसान कई दिनों से पड़े हैं। किसानों का जानबूझकर शोषण किया जा रहा है और मनमाने दाम बोले जा रहे हैं।
योगेंद्र कुमार, किसान बड़ोदिया कला
व्यापारियों के साथ चर्चा हुई है जिसमें यह तय हुआ है कि वे गुणवत्ता के हिसाब से उड़द के भाव लगाए। किसानों के साथ किसी तरह की मनमानी करने की यदि व्यापारियों की शिकायत आती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मनोज सरियाम, एडीएम होशंगाबाद
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