तेंदुआ कैमरे में ऐसे हुआ कैद
रेंजर प्रभाकर ने बताया कि डिप्टी रेंजर मनिंदर चंद्र विश्वास, बीट गार्ड शिवजी अखंड बिहारी एवं स्टॉफ बुद्धू, गणेश, दर्शन, रमेश जंगल में गश्ती कर रहे थे। इस दौरान पाजर जंगल में एक बछड़ा पड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसका तेंदुएं ने शिकार किया था। रेंजर ने बताया कि तेंदुआ शिकार करता है और फिर इसे बाद में खाता है। गाय को देखा तो आसपास में दौ कैमरे लगा दिए। कैमरे में तेंदुआ मांस खाते हुए कैद हो गया। गाय का जहां पर शिकार हुआ था, वहीं पर सफेद पाउडर डाला गया था। तेंदुए के ही पगमार्क आए हैं। रेंजर ने बताया कि तेंदुआ लगभग साढ़े पांच फीट लंबा और हष्ठ-पुष्ठ है। तेंदुएं के नर होने की संभावना है।
रेंजर प्रभाकर ने बताया कि डिप्टी रेंजर मनिंदर चंद्र विश्वास, बीट गार्ड शिवजी अखंड बिहारी एवं स्टॉफ बुद्धू, गणेश, दर्शन, रमेश जंगल में गश्ती कर रहे थे। इस दौरान पाजर जंगल में एक बछड़ा पड़ा हुआ दिखाई दिया। जिसका तेंदुएं ने शिकार किया था। रेंजर ने बताया कि तेंदुआ शिकार करता है और फिर इसे बाद में खाता है। गाय को देखा तो आसपास में दौ कैमरे लगा दिए। कैमरे में तेंदुआ मांस खाते हुए कैद हो गया। गाय का जहां पर शिकार हुआ था, वहीं पर सफेद पाउडर डाला गया था। तेंदुए के ही पगमार्क आए हैं। रेंजर ने बताया कि तेंदुआ लगभग साढ़े पांच फीट लंबा और हष्ठ-पुष्ठ है। तेंदुएं के नर होने की संभावना है।
तेंदए ने अब तक पांच मवेशी का किया शिकार
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो माह से तेंदुएं की लोकेशन इसी क्षेत्र मेंं हैं। तेंदुआ अभी तक पांच मवेशियों का शिकार कर चुका है। भोपाली में दो, शाजपुर में दो और एक मवेशी का शिकार पाझर में किया गया है। उन्होंने बताया कि जंगली क्षेत्र और पानी की व्यवस्था होने से जंगली जानवर क्षेत्र में आ जाते हैं।
भरकावाड़ी में भी मिले थे बाघ के पगमार्क
अभी लगभग दो माह पहले ही शहर से सटे गांव भरकावाड़ी में भी बाघ के पगमार्क मिले थे। बाघ की लोकेशन तलाशने के लिए वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भरकावाड़ी के जंगल में एक दर्जन कैमरे लोहारिया और भरकावाड़ी में लगाए गए थे। इसके बावजूद बाघ कैमरों में कैद नहीं हुआ था। वन विभाग द्वारा बाघ की तलाश की जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो माह से तेंदुएं की लोकेशन इसी क्षेत्र मेंं हैं। तेंदुआ अभी तक पांच मवेशियों का शिकार कर चुका है। भोपाली में दो, शाजपुर में दो और एक मवेशी का शिकार पाझर में किया गया है। उन्होंने बताया कि जंगली क्षेत्र और पानी की व्यवस्था होने से जंगली जानवर क्षेत्र में आ जाते हैं।
भरकावाड़ी में भी मिले थे बाघ के पगमार्क
अभी लगभग दो माह पहले ही शहर से सटे गांव भरकावाड़ी में भी बाघ के पगमार्क मिले थे। बाघ की लोकेशन तलाशने के लिए वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भरकावाड़ी के जंगल में एक दर्जन कैमरे लोहारिया और भरकावाड़ी में लगाए गए थे। इसके बावजूद बाघ कैमरों में कैद नहीं हुआ था। वन विभाग द्वारा बाघ की तलाश की जा रही है।