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होशंगाबाद

खिरकिया के पोस्टमार्टम भवन में घुस जाते है जानवर, बारिश में छत से टपकता है पानी

मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रहा पोस्टमार्टम भवन

होशंगाबादMay 29, 2020 / 08:22 pm

gurudatt rajvaidya

खिरकिया के पोस्टमार्टम भवन में घुस जाते है जानवर, बारिश में छत से टपकता है पानी

मरम्मत के अभाव में जर्जर हो रहा पोस्टमार्टम भवन

खिरकिया. नगर में जर्जर हो रहे बदहाल भवन में जान जोखिम में डालकर डॉक्टर शवों का पोस्टमार्टम करने पर मजबूर हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम कक्ष के अभाव में शव परीक्षण के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस भवन में करीब 67 ग्राम पंचायतों व नगर पंचायत क्षेत्र में दुर्घटना व अन्य कारणों से मृत लोगों के शवों का परीक्षण किया जाता है। जर्जर भवन के दरवाजे खिड़कियां टूटने से कुत्ते व अन्य जानवर अंदर पहुंच जाते है। बारिश में छत से पानी टपकने के कारण पोस्टमार्टम करने के दौरान डॉक्टरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सामुदायिक केन्द्र के चिकित्सकों द्वारा नए पोस्टमार्टम कक्ष निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है। बावजूद इसके उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है पीएम रूम की मरम्मत होना चाहिए। ऐसा न होने से उन्हें अव्यवस्था के बीच काम करना पड़ता है। हालत यह है कि पानी टपकने से भवन में काई जमा हो गई है। भवन के चारों ओर झाडिय़ां उग आई हैं। मुक्तिधाम के पास सालों पहले बने इस पीएम हाउस के निर्माण के बाद से ही ना तो इसकी देखरेख की गई और ना ही मरम्मत। इससे भवन खस्ताहाल हो गया।
अस्पताल में रखना पड़ता है शव-
पीएम कक्ष में बिजली की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में शाम होने के बाद कक्ष में अंधेरा होने से शव परीक्षण नहीं हो पाता है। मजबूरन शवों को रात में अस्पताल परिसर में रखना पड़ता है। नियमानुसार अस्पताल परिसर में ही पोस्टमार्टम कक्ष एवं शवगृह होना चाहिए। लेकिन उच्च अधिकारियों की अनदेखी व उदासीनता के चलते स्थानीय अस्पताल में यह व्यवस्था नहीं है। दुर्घटना या अन्य कारणों से मौत होने पर शव को पीएम के लिए अस्पताल लाया जाता है। व्यवस्थाओं के अभाव में शव को खुले में रखना पड़ता है। मृतक के परिजनों को भी परिसर के बाहर ही शव के पास बैठकर समय काटना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में शव कक्ष निर्माण किया जाना चाहिए।
इनका कहना है
उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम कक्ष को दुरूस्त कराने की मांग की जाएगी।
केके नागवंशी, सीएचएमओ, हरदा

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