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Anti Child Labor Day: इनको कप प्लेट की जगह थमाया बस्ता, ताकि गढ़ सकें अपना भविष्य

locationहोशंगाबादPublished: Jun 12, 2019 01:49:42 pm

Submitted by:

poonam soni

अधिकारी बोले पिछले दो सालों में नहीं मिला एक भी बाल श्रम मजदूर
बाल मजदूरों की बन गई जिंदगी, नई जिंदगी से खुश हैं 18 बच्चे

nagaur

Child Labor

होशंगाबाद. नन्ही सी उम्र में ही उनके कंधों पर परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी आ गई थी, जिस कारण यह बच्चे होटल और गैरिज पर काम करते थे। लेकिन दो साल पहले ही श्रम विभाग और चाइल्ड लाइन की टीम ने उनके हाथों से कप प्लेट और नट बोल्ट की जगह बस्ता और किताबें थाम दी, ताकि वह स्वयं अपना भविष्य गढ़ सकें। आज यह बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी ही तरह अन्य 15 बाल मजदूर की जिंदगी भी अब बदल चुकी है। चाइल्ड लाइन अधिकारी सुनील दीक्षित ने बताया कि 2015 के बाद इनकी टीम ने 15 बाल श्रमिक को मुक्त कराकर उनका दाखिला सरकारी एवं निजी स्कूलों में कराया।
2017 में मिले बाल श्रमिक
केस 01 : विभाग के अधिकारी के अनुसार होशंगाबाद में गैरिज में काम करते समय 2014-2015 में एक बच्चे को बाल श्रम करते हुए पकड़ा था। इस पर दुकान मालिक पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था
केस 02 : सिवनी मालवा में गन्ना चरखी पर काम करते हुए 2016 में एक बच्चे को पकड़ा था। यहां भी दुकान मालिक पर 20 हजार का जुर्माना लगाया गया था।

टास्क फोर्स तलाशती है बाल मजदूर
बाल श्रम आयुक्त ने बताया कि टॉस्क फोर्स टीम तैयार की गई है, जो गांव व शहरी इलाकों में जाकर बाल श्रमिकों की तलाश करती है। इसमें बाल सरंक्षण आयोग, सहायक बाल श्रम आयुक्त, एनजीओ व चाइल्ड लाइन फोर्स मिलकर कार्य करती है।
कार्यक्रम आज
श्रम विभाग एवं चाइल्ड लाइन विभाग द्वारा बुधवार को बाल श्रम के विरूद्ध ११ बजे से आदमगढ़ आंगनबाड़ी में चित्रकला प्रतियोगिता व शाम ५ बजे से रैली निकाली जाएगी। जिसमें नुक्कड नाटक के माध्यम से लोगो को बाल मजदूरी के प्रति जागरूक किया जाएगा।
जागरूकता की कमी
बाल श्रम के आंकड़ों में कमी आई है। पिछले २ साल में एक भी बाल श्रमिक नहीं मिले हैं। जबकि 2017 में एक बच्च मजदूरी करते हुए देखा गया था। उस पर कार्रवाई की गई थी।
-एस एन सांगुल्ले, सहायक श्रम अधिकारी
चाइल्ड लाइन ने बचाई 65 बच्चों की जान
चाइल्ड लाइन टीम द्वारा शहर में 65 बच्चों को मुक्त कराया गया है। बताया जाता है कि यह अलग-अलग जगहों के थे। जिनको होशंगाबाद में पकड़ा गया है। जिसमें से 20 बच्चे 14 साल से कम उम्र के हैं। इनको सब्जियों की पैकिंग करने का काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। यह बच्चे खंडवा, खरगोन, बिहार, मोतिया सहित अन्य जगहों के थे। चाइल्ड लाइन के सुनील दीक्षित ने बताया कि वह कई सालों से ब्रिज कोर्स सेंटर चला रहे हैं।
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