केस 01 : विभाग के अधिकारी के अनुसार होशंगाबाद में गैरिज में काम करते समय 2014-2015 में एक बच्चे को बाल श्रम करते हुए पकड़ा था। इस पर दुकान मालिक पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था
बाल श्रम आयुक्त ने बताया कि टॉस्क फोर्स टीम तैयार की गई है, जो गांव व शहरी इलाकों में जाकर बाल श्रमिकों की तलाश करती है। इसमें बाल सरंक्षण आयोग, सहायक बाल श्रम आयुक्त, एनजीओ व चाइल्ड लाइन फोर्स मिलकर कार्य करती है।
श्रम विभाग एवं चाइल्ड लाइन विभाग द्वारा बुधवार को बाल श्रम के विरूद्ध ११ बजे से आदमगढ़ आंगनबाड़ी में चित्रकला प्रतियोगिता व शाम ५ बजे से रैली निकाली जाएगी। जिसमें नुक्कड नाटक के माध्यम से लोगो को बाल मजदूरी के प्रति जागरूक किया जाएगा।
बाल श्रम के आंकड़ों में कमी आई है। पिछले २ साल में एक भी बाल श्रमिक नहीं मिले हैं। जबकि 2017 में एक बच्च मजदूरी करते हुए देखा गया था। उस पर कार्रवाई की गई थी।
-एस एन सांगुल्ले, सहायक श्रम अधिकारी
चाइल्ड लाइन टीम द्वारा शहर में 65 बच्चों को मुक्त कराया गया है। बताया जाता है कि यह अलग-अलग जगहों के थे। जिनको होशंगाबाद में पकड़ा गया है। जिसमें से 20 बच्चे 14 साल से कम उम्र के हैं। इनको सब्जियों की पैकिंग करने का काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। यह बच्चे खंडवा, खरगोन, बिहार, मोतिया सहित अन्य जगहों के थे। चाइल्ड लाइन के सुनील दीक्षित ने बताया कि वह कई सालों से ब्रिज कोर्स सेंटर चला रहे हैं।