उपसंचालक कृषि जेआर हेडाऊ ने बताया कि तहसील डोलरिया के सेमरीखुर्द निवासी अजित सिंह राजपूत प्रोपराइटर भूमि कृषि सेवा केन्द्र डोलरिया द्वारा वैध उर्वरक विक्रय लाइसेंस के बिना और बिना पक्के बिल के और ज्यादा दामों पर खाद बेचते पाया है। उक्त विक्रेता किसानों को करीब एक ट्रक नकली-मिलावटी खाद बेच चुका है। किसान संघ की शिकायत पर इसकी विभागीय टीम को भेजकर जांच कराई गई थी। नकली डीएपी बेचने की शिकायत पतलईकलॉ, डोलरिया, बेहराखेड़ी, कलमेशरा के किसानों ने ने की थी। कृषि विभाग ने किसान के यहां से बोरी जप्त कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूना लेकर उर्वरक प्रयोगशाला भेजा है।
इन नियम-धाराओं में दर्ज हुआ केस
कृषि उप संचालक जेआर हेडाऊ ने बताया कि उक्त खाद विक्रेता अजित सिंह राजपूत डोलरिया को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 198 5 की धारा 5, 7, 35 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 का उल्लंघन का दोषी माना गया है। जिस पर उर्वरक निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी होशंगाबाद आरएलजैन ने डोलरिया थाने में संबंधित अवैध उर्वरक विक्रयकर्ता के विरूद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 198 5 की धारा 5, 7 एवं धारा 35 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत एफआइआर दर्ज कराई है।
इफको कंपनी ने भी विक्रेता को अवैध बताया
इफको कंपनी के जिला प्रबंधक के अनुसार आरोपी कंपनी का अधिकृत विक्रेता नहीं है। इफको कंपनी का डीएपी उर्वरक उन्हें नहीं दिया था। साथ ही किसानों को बेची गई जिस बोरी में उर्वरक विक्रय किया, उस लाट की बोरियों का खाद विगत एक वर्ष से जिले में सप्लाय ही नहीं किया। इससे संबंधित फर्म की ओर से कालाबाजारी कर गलत तरीके से गलत खाद इफको कंपनी के नाम से कृषकों को बेचा जाना पाया गया है।