नपाध्यक्ष ने सोशल साइट पर साधा था निशाना
नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने एक दिन पहले शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से शर्मा बंधुओं पर निशाना साधा था। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए खदान ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग करते हुए अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया कि सिर्फ डंपरों पर ही कार्रवाई क्यों? प्रशासन को उस खदान संचालक पर भी कार्रवाई करना चाहिए। जिसने रायल्टी के अतिरिक्त रेत दी है, उस खदान ठेकेदार पर भी काईवाई हो। उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। कुछ ने उनका समर्थन किया तो कुछ खंडेलवाल पर आरोप लगाते हुए खिंचाई करने लगे। मामला तूल पकड़ा और खुद पर आरोप लगते ही खंडेलवाल ने पोस्ट हटा ली, लेकिन ऐसा करने पर लोगों ने खिंचाई शुरू कर दी तो फिर उन्हें पोस्ट डालना पड़ी।
दरअसल, पुलिस ने पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के बेटे वैभव शर्मा की खदान से जब्त हुए एक दर्जन डंपर-ट्रक पर कार्रवाई की है, लेकिन ठेकेदार पर नहीं। वैभव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा के भतीजे हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल ने एक दिन पहले शनिवार को सोशल मीडिया के माध्यम से शर्मा बंधुओं पर निशाना साधा था। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए खदान ठेकेदार पर कार्रवाई की मांग करते हुए अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाली थी। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाया कि सिर्फ डंपरों पर ही कार्रवाई क्यों? प्रशासन को उस खदान संचालक पर भी कार्रवाई करना चाहिए। जिसने रायल्टी के अतिरिक्त रेत दी है, उस खदान ठेकेदार पर भी काईवाई हो। उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। कुछ ने उनका समर्थन किया तो कुछ खंडेलवाल पर आरोप लगाते हुए खिंचाई करने लगे। मामला तूल पकड़ा और खुद पर आरोप लगते ही खंडेलवाल ने पोस्ट हटा ली, लेकिन ऐसा करने पर लोगों ने खिंचाई शुरू कर दी तो फिर उन्हें पोस्ट डालना पड़ी।
दरअसल, पुलिस ने पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के बेटे वैभव शर्मा की खदान से जब्त हुए एक दर्जन डंपर-ट्रक पर कार्रवाई की है, लेकिन ठेकेदार पर नहीं। वैभव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा के भतीजे हैं।
मामले में सफाई देते हुए विधानसभा अध्यक्ष शर्मा बोले- बेशक वैभव मेरे भतीजे हैं लेकिन मैं उनके किसी भी व्यवसाय में साझेदार नहीं हैं, न ही उनकी सिफारिश के लिए कभी जिला प्रशासन को फोन किया। विधानसभा अध्यक्ष और नपाध्यक्ष के बीच यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा का केंद्र बना हुआ है।