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होशंगाबाद

दशकों बाद इस एसडीएम कार्यालय को मिलेगी अधिकृत पहचान

जिले के ये तीन एसडीएम कार्यालय भी शामिल

होशंगाबादJun 18, 2018 / 12:02 pm

शकील खान

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दशकों बाद इस एसडीएम कार्यालय को मिलेगी अधिकृत पहचान

शकील नियाजी/पिपरिया. दशकों से उधार के भवन और स्टॉफ से संचालित अनुविभागीय कार्यालय और न्यायालय को अब अधिकृत पहचान मिल सकेगी। क्योंकि मप्र कैबिनेट ने प्रदेश में 47 नए राजस्व अनुविभाग खोलने को मंजूरी दे दी है। आने वाले समय में विधिवत नोटिफाइड एसडीएम कार्यालय भवन का निर्माण होगा और अधिकृत स्टॉप की नियुक्ति होगी। तहसील कार्यालय परिसर में 1981 से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय और न्यायालय संचालित हो रहा है। कार्यालय में पहले एसडीएम के रूप मे एसएन शर्मा को पदस्थ किया गया था। इसके बाद एसडीएम पद पर प्रोबेशनरी आइएएस सहित पदोन्नत एसडीएम कार्यालय को संचालित करते चले आ रहे हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 15 जून को प्रदेश में 47 नवीन राजस्व अनुविभाग खोले जाने को मंजूरी दी है। मंजूरी के तहत होशंगाबाद जिले की इटारसी, पिपरिया, सिवनी मालवा को अधिकृत रूप से नवीन राजस्व अनुविभाग और न्यायालय में परिवर्तित किया जाएगा। अनुविभागीय कार्यालयों में कैबिनेट ने २१ नवीन राज्य प्रशासनिक सेवा के पदों का सृजन कर तैनाती को मंजूरी दी है। वर्तमान में पिपरिया अनुविभाग में सिर्फ भू अर्जन अधिकारी का पद स्वीकृत है। एसडीएम कार्यालय नोटिफाइड भी नही था वहीं एसडीएम का वेतन भी होशंगाबाद मुख्यालय से बनता है।

उधार के स्टॉफ से चल रहा काम
एसडीएम कार्यालय में स्टाफ भी स्वीकृत नहीं है। तहसील, जनपद पंचायत, नगरपालिका, सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से एसडीएम कार्यालय का कार्य संचालित हो रहा है। स्टॉफ नहीं होने से आवश्यक कार्य प्रभावित होते हैं तथा समय पर नागरिकों के काम नहीं हो पाते हैं। दूसरे विभाग के स्टाफ से निर्वाचन,न्यायालयीन जैसे महत्वपूर्ण कार्य लिए जाते हैं।
1. कैबिनेट मंजूरी के बाद एसडीएम कार्यालय भवन निर्माण और अधिकृत स्टॉफ की पदस्थी का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में अन्य विभागों के कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम पिपरिया

जर्जर हो चुका है भवन, टपकता है पानी
तहसील कार्यालय का निर्माण सन १९८५ में हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा राजस्व मंत्री बीआर यादव ने इसका लोकार्पण किया था। इसके पूर्व कच्चे भवन में अस्थाई रूप से तहसील और एसडीएम कार्यालय संचालित होता रहा। भवन जगह-जगह से जर्जर हो गया है, बारिश में पानी टपकता है वहीं फाइलों को सुरक्षित रखने स्टॉफ परेशान होता है।
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