उधार के स्टॉफ से चल रहा काम
एसडीएम कार्यालय में स्टाफ भी स्वीकृत नहीं है। तहसील, जनपद पंचायत, नगरपालिका, सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से एसडीएम कार्यालय का कार्य संचालित हो रहा है। स्टॉफ नहीं होने से आवश्यक कार्य प्रभावित होते हैं तथा समय पर नागरिकों के काम नहीं हो पाते हैं। दूसरे विभाग के स्टाफ से निर्वाचन,न्यायालयीन जैसे महत्वपूर्ण कार्य लिए जाते हैं।
1. कैबिनेट मंजूरी के बाद एसडीएम कार्यालय भवन निर्माण और अधिकृत स्टॉफ की पदस्थी का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में अन्य विभागों के कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम पिपरिया
एसडीएम कार्यालय में स्टाफ भी स्वीकृत नहीं है। तहसील, जनपद पंचायत, नगरपालिका, सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से एसडीएम कार्यालय का कार्य संचालित हो रहा है। स्टॉफ नहीं होने से आवश्यक कार्य प्रभावित होते हैं तथा समय पर नागरिकों के काम नहीं हो पाते हैं। दूसरे विभाग के स्टाफ से निर्वाचन,न्यायालयीन जैसे महत्वपूर्ण कार्य लिए जाते हैं।
1. कैबिनेट मंजूरी के बाद एसडीएम कार्यालय भवन निर्माण और अधिकृत स्टॉफ की पदस्थी का रास्ता साफ हो गया है। वर्तमान में अन्य विभागों के कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम पिपरिया
जर्जर हो चुका है भवन, टपकता है पानी
तहसील कार्यालय का निर्माण सन १९८५ में हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा राजस्व मंत्री बीआर यादव ने इसका लोकार्पण किया था। इसके पूर्व कच्चे भवन में अस्थाई रूप से तहसील और एसडीएम कार्यालय संचालित होता रहा। भवन जगह-जगह से जर्जर हो गया है, बारिश में पानी टपकता है वहीं फाइलों को सुरक्षित रखने स्टॉफ परेशान होता है।
तहसील कार्यालय का निर्माण सन १९८५ में हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल बोरा राजस्व मंत्री बीआर यादव ने इसका लोकार्पण किया था। इसके पूर्व कच्चे भवन में अस्थाई रूप से तहसील और एसडीएम कार्यालय संचालित होता रहा। भवन जगह-जगह से जर्जर हो गया है, बारिश में पानी टपकता है वहीं फाइलों को सुरक्षित रखने स्टॉफ परेशान होता है।