यह सेहत से भी है खिलवाड़
शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स की इमरजेंसी यूनिट में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद यहां आयुष डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के साफ निर्देश हैं कि एलोपैथिक अस्पतालों में आयुष डॉक्टर इलाज नहीं कर सकेंगे। इसके बाद भी एक या दो नहीं, करीब दर्जनभर निजी अस्पतालों में इस निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है। इस लापरवाही से नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन से पहले सीएमएचओ द्वारा कराए जाने वाले निरीक्षण पर भी सवाल उठने लगे हैं।
शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स की इमरजेंसी यूनिट में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद यहां आयुष डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के साफ निर्देश हैं कि एलोपैथिक अस्पतालों में आयुष डॉक्टर इलाज नहीं कर सकेंगे। इसके बाद भी एक या दो नहीं, करीब दर्जनभर निजी अस्पतालों में इस निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है। इस लापरवाही से नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन से पहले सीएमएचओ द्वारा कराए जाने वाले निरीक्षण पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ड्यूटी के दौरान यह काम करते हैं
निजी चिकित्सालयों की इमरजेंसी यूनिट में आयुष डॉक्टर के उपचार करने की शिकायत विभाग को मिल रही थी। यह चिकित्सक को मरीज का ब्लड प्रेशर मापने से लेकर उसे ड्रिप लगाने तक के काम अस्पताल प्रबंधन कराता है। किसी नर्सिंग स्टाफ के बराबर इनको वेतन दिया जाता है। यहां आयुष डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन लगाने से लेकर ड्रेसिंग करने और एक्सीडेंट के मरीजों के माइनर ऑपरेशन तक करते हैं।
शासन की ओर से सभी निजी चिकित्सालय और नर्सिंग होम में काम करने वाले आयुष चिकित्सकों की जानकारी एकात्रित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जिला आयुष अधिकारी पूरे मामले को लेकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। वहीं समिति को पूर्व अधिकार दिए जा चुके हैं।
कलावती उइके, अवर सचिव आयुष विभाग भोपाल
निजी चिकित्सालयों की इमरजेंसी यूनिट में आयुष डॉक्टर के उपचार करने की शिकायत विभाग को मिल रही थी। यह चिकित्सक को मरीज का ब्लड प्रेशर मापने से लेकर उसे ड्रिप लगाने तक के काम अस्पताल प्रबंधन कराता है। किसी नर्सिंग स्टाफ के बराबर इनको वेतन दिया जाता है। यहां आयुष डॉक्टर मरीज को इंजेक्शन लगाने से लेकर ड्रेसिंग करने और एक्सीडेंट के मरीजों के माइनर ऑपरेशन तक करते हैं।
शासन की ओर से सभी निजी चिकित्सालय और नर्सिंग होम में काम करने वाले आयुष चिकित्सकों की जानकारी एकात्रित करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद जिला आयुष अधिकारी पूरे मामले को लेकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। वहीं समिति को पूर्व अधिकार दिए जा चुके हैं।
कलावती उइके, अवर सचिव आयुष विभाग भोपाल