स्थिति एक – ग्राम आरी के हाईस्कूल का लोकार्पण 2013 में हुआ था किन्तु पहुंच मार्ग नहीं होने के कारण स्कूल पुराने भवन में ही लगता रहा । सत्र 17-18 के प्रारंभ में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के तत्कालीन संयोजक केशव साहू द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन देकर भवन में स्कूल प्रारंभ कराया। वहीं स्कूल के सफाई कर्मी द्वारा राशि दान देकर स्कूल में पीने के पानी की व्यवस्था कराई थी। तब उद्घाटन कार्यक्रम मेंं उपस्थित तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लावानिया को बारिश पूर्व ही समस्या से अवगत करा दिया गया था। जिसके जवाब में कलेक्टर द्वारा तहसीलदार को तुरंत सीमांकन कर मार्ग निर्माण कराने को निर्देशित किया था लेकिन कलेक्टर के निर्देश के बाद भी सड़क निर्माण न हो सका। जानकारी अनुसार इस स्कूल जाने का रास्ता देने को भू -स्वामी भी तैयार हो गए हैं लेकिन तहसील कार्यालय द्वारा मार्ग का सीमांकन नहीं किया जा रहा है।
स्थिति दो – ग्राम सिरवाड़ के 56.12 लाख की लागत से बने हाईस्कूल का लोकार्पण 2016 में उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री उमाशंकर गुप्ता के आतिथ्य में हुआ था। वहीं पहुंच मार्ग का भूमिपूजन ग्राम पंचायत द्वारा विधायक के आतिथ्य में दो माह पूर्व किया जा चुका है लेकिन सड़क निर्माण के लिए अभी कार्य ही शुरू नहीं किया जा सका। जिसके कारण बच्चों को कीचड़ में से स्कूल जाना पड़ रहा है। आश्चर्य तो इस बात का है कि उप सरपंच के घर के पीछे से ही स्कूल का मार्ग है लेकिन वह भी मार्ग का निर्माण नहीं करा पा रहे है।
इनका कहना है
मैं इंजीनियर से चर्चा करूंगा। जल्द ही समस्या का निराकरण कराया जाएगा।
– पूनम दुबे सीईओ. जनपद बाबई।