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निर्यात पर रोक से किसान-व्यापारी दोनों को नुकसान

locationहोशंगाबादPublished: May 17, 2022 12:28:55 pm

Submitted by:

devendra awadhiya

narmdapuramनर्मदापुरम से व्यापारियों के जरिए 2 लाख 22 हजार मीट्रिक टन गेहूं हो चुका एक्सपोर्ट

निर्यात पर रोक से किसान-व्यापारी दोनों को नुकसान

निर्यात पर रोक से किसान-व्यापारी दोनों को नुकसान

नर्मदापुरम. केंद्र सरकार के गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दिए जाने के बाद प्रदेश सहित बाहरी राज्यों के बड़े व्यापारियों किसानों से खरीदी को कम कर दिया है। खरीदी सुस्त पड़ गई है। किसानों को अब लाइसेंस लेकर गेहूं खरीदने वाले बड़े व्यापारियों से समर्थन मूल्य 2015 रुपए क्विंटल से ज्यादा रेट नहीं मिल पा रहे। किसानों को जो फायदा मिल रहा था अब वह नहीं मिल पा रहा। मंडियों में गेहूं के दाम भी गिर गए हैं। एक्सपोर्ट के कारण पहले किसान व्यापारियों से समर्थन मूल्य से अधिक रेट में 100-200 रुपए क्विंटल ज्यादा में अपनी उपज बेच रहे थे। बता दें कि 2 लाख 22 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी व्यापारियों ने की है। जो एक्सपोर्ट हुआ है, जबकि बीते साल 8 हजार 640 मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीदी हुई थी। यानी बहुत बड़े अंतर में इस बार 2 लाख 13 हजार 360 मीट्रिक टन अधिक गेहूं की ख्ररीदी की जा चुका है। किसानों को अब अपना गेहूं समर्थन मूल्य पर ही बेचना पड़ेगा। मंडियों में दाम कम मिलने से किसानों को सरकारी खरीदी में ही गेहूं बेचने की मजबूरी भी हो जाएगी, वहीं सरकार के गोदामों में सरकारी गेहूं की भंडारण मात्रा-क्षमता बढ़ जाएगी। अभी तक ज्यादातर गेहूं बड़े व्यापारियों के जरिए जिले-संभाग सहित प्रदेश से बाहरी राज्यों के जरिए विदेशों में जा रहा था। बता दें कि जिले में 48 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्होंने पंजीयन कराकर स्लॉट बुक कराए हैं, लेकिन अभी अपना गेहूं नहीं बेचा है। इनकी सख्या करीब 48 हजार 632 है। ये सभी शेष रह गए किसान अपना गेहूं 31 मई तक समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे।

विदेशों में गेहूं निर्यात की योजना रूकी
नर्मदापुरम जिले से गेहूं को विदेशों में एक्सपोर्ट करने की योजना रोक के बाद बीच में ही रूक गई है। दूसरे राज्यों के बड़े व्यापारियों को जिले से गेहूं खरीदी के लिए लाइसेंस दिए गए थे। जिले की पिपरिया मंडी में राज्य के बाहर की दिल्ली की 2 एवं मुंबई की फर्म की इंदौर ब्रांच सहित 20 लाइंसेंसी व्यापारियों से भी गेहूं खरीदी की है। बनखेड़ी में तीन लाइसेंसी व्यापारी, बानापुरा में 12 व्यापारी एवं इटारसी मंडी में कुल पांच फर्में गेहूं की खरीदी कर रही। इसमें आईटीसी कंपनी भी शामिल है। नर्मदापुरम का ज्यादातर गेहूं गुजरात के बंदरगाह के जरिए विदेशों में भेजा गया है। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर की मुख्य फर्मों में न्यूट्रीलाइट एग्रो प्रा.लिमि. दिल्ली, गुरुदेव एक्सपोर्ट कार्पो. प्रा. लिमि, आईटीसी लिमिटेड, हल्दीराम चंदमल करौली राजस्थान, बिटेरा इंडिया प्रा. लिमि. सहित अन्य कंपनियां शामिल रही हैं।
हो चुकी 3.30 लाख एमटी गेहूं की खरीदी
प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि रबी विपणन मौसम वर्ष 2022-23 में जिले के ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी कार्य किया जा रहा है। जिले में स्थापित 204 केन्द्रों पर कुल 78,884 किसानों ने अपने स्लॉट बुक कराए। अब तक 30252 किसानों से 3,30,383 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है। जिसकी भुगतान योग्य राशि 665.72 करोड़ रुपए है। खरीदी गई कुल मात्रा में से रेडी-टू टॉसपोर्ट 3,28,484 मीट्रिक टन हुआ है। इसमें से 3,07,748 मीट्रिक टन खरीदे गए गेहूं का परिवहन होकर गोदामों में भंडारण किया जा चुका है, लेकिन अभी भी खरीदी केंद्रों-मंडियों में करीब 22 हजार 635 मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा हुआ है।
इनका कहना है…
एक्सपोर्ट पर रोक के आदेश के बाद भी किसानों को फायदा मिलेगा। शासन स्तर से समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर अपना गेहूं बेचने की सुविधा 31 मई तक बढ़ा दी गई है। इसमें जिले में शेष रह गए करीब 48 हजार से अधिक किसान अपना स्लॉट बुक कराकर केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं बेच सकेंगे।
-जेआर हेडाऊ, उप संचालक कृषि नर्मदापुरम।

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