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इस बैंक मैनेजर के खिलाफ न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत

locationहोशंगाबादPublished: Jul 28, 2018 12:49:12 pm

Submitted by:

poonam soni

विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त ने होशंगाबाद के विशेष न्यायालय में पेश किया अभियोग पत्र

bank manger

इस बैंक मैनेजर को पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा

होशंगाबाद. विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल में चल रहे बैंक मैनेजर के खिलाफ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत 4 लाख के लोन की सब्सिडी दिलाने के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वतखोरी के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच में आईटीआई रोड हरियाली चौराहे के सामने स्थित आंध्रा बैंक होशंगाबाद शाखा के मैनेजर धीरेंद्र कुमार यादव को दोषी पाया गया है। लोकायुक्त ने आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ होशंगाबाद के विशेष न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया है। मालूम हो कि 4 फरवरी 2017 को एक हितग्राही की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने बैंक मैनेजर यादव को रंगेहाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। जिसका भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13(1) डी, 13(2) केस 29/2017 पंजीबद्ध हुआ था।

यह था घूसखोरी का मामला : रसूलिया निवासी सुनील कुमार सोनी ने लोकायुक्त में शिकायत की थी उसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में कंप्यूटर टे्रनिंग सेंटर खोलने 4 लाख रुपए का बैंक लोन स्वीकृत हुआ था। जिसमें एक लाख की सब्सिडी मिलनी थी। चार माह से बैंक मैनेजर ने अटका रखा था। सब्सिडी दिलाने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसमें टुकड़ों में उक्त राशि देने का सौदा हुआ था। रिश्वत की बाकी राशि नहीं देने पर बैंक लोन को मुद्रा लोन में कन्वर्ट करने व सब्सिडी नहीं तथा 17-18 प्रतिशत ब्याज भुगतने की धमकी देकर प्रताडि़त किया था। लोकायुक्त पुलिस ने 9 फरवरी 2017 को सोनी से 10 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।

आरोप पत्र कोर्ट में पेश : लोकायुक्त की जांच में मैनेजर दोषी पाया गया है। कथन साक्षियों, दस्तावेजों एवं आरोपी बैंक मैनेजर की आवाज नमूना की क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला से प्राप्त परीक्षण रिपोर्ट से आरोपी सिद्ध पाए गए हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग में हुई ठगी, डमी मोबाइल मिला
होशंगाबाद. बालागंज के योगेंद्र सिंह परमार ने ऑनलाइन शॉपिंग में एंड्रायड 4-जी स्मार्ट मोबाइल फोन बुक किया था, लेकिन मुंबई की हॉट डील कंपनी ने उसे स्पीड पोस्ट से डमी मोबाइल फोन भेजा दिया। परमार कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वापस लौटा दिया। पीडि़त योगेंद्र ने बताया कि विज्ञापन देखने के बाद रजनीश हाट डील प्रा. लिमि. मुंबई के कस्टमर केयर पर विशेष आफर के तहत 2548 रुपए में मोबाइल की 21 जुलाई को ऑनलाइन बुकिंग की थी। 26 जुलाई को स्पीड पोस्ट से मिले पैकेट को खोला तो उसमें डमी मोबाइल मिला जो कि दिल्ली मेड कंपनी का है। जो सही ढंग से चल भी नहीं रहा है।
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