एक साल से नया सवेरा के हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का इंतजार
बेतुलPublished: Oct 18, 2019 11:00:55 pm
सरकार बदलते ही संबल से नया सवेरा हुआ योजना का नाम, नहीं मिल रहा लाभ
एक साल से नया सवेरा के हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का इंतजार
सारनी. मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना का नाम बदलकर नया सवेरा करने में मौजूदा सरकार ने जरा भी देरी नहीं की। लेकिन हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि के लिए एक साल से भी अधिक समय से इंतजार करना पड़ रहा है। जब भी कोई हितग्राही नपा कार्यालय पहुंचकर अनुग्रह सहायता राशि नहीं मिलने की बात करता है उसे शासन से बजट नहीं आना कहकर चलता कर दिया जाता है। हकीकत भी यही है। दरअसल नपा कार्यालय सारनी से भुगतान में देरी नहीं हो रही। लेकिन योजना का बजट स्वीकृत नहीं होने से चाहकर भी हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ नगरपालिका परिषद सारनी क्षेत्र के 36 वार्डों की ही बात करे तो यहां 28 सितंबर 2018 से अब तक लगभग 90 केसों में से एक भी केस में हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि नहीं मिली है। जबकि अंत्योष्टि सहायता राशि बकायदा भुगतान की जा रही है। इसी विषय को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि नगरपालिका कार्यालय से सचिव शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार मंडल भोपाल और जिला श्रम अधिकारी को लगभग सभी केसों के बजट स्वीकृत्त करने पत्राचार किया गया है। लेकिन प्रशासनिक देरी की वजह से अब तक किसी भी केस का बजट स्वीकृत्त नहीं हुआ। जिससे हितग्राही परेशान होकर सरकार को भला-बुरा कहने से पीछे नहीं हट रहे।
दो करोड़ से ज्यादा बजट लंबित : नगरपालिका परिषद सारनी अंतर्गत सामान्य और दुर्घटना के लगभग 90 केस लंबित है। जिसका बजट दो करोड़ से ज्यादा है। सभी प्रकरण सचिव शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार मंडल और जिला श्रम अधिकारी को भेजे जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि नदी में डूबने, सर्पदंश और प्राकृतिक आपदा के प्रकरणों में कुछ बदलाव हुए हैं। नगरपालिका परिषद सारनी द्वारा 27 सितंबर 2018 को एक केस में अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की है। इसके बाद से अब तक किसी भी केस में अनुग्रह सहायता राशि हितग्राही को नहीं दी गई है। हालांकि इसके बाद से ही योजना का नाम और संशोधन का दौर चल रहा है। तब ही से हितग्राहियों को परेशान होना पड़ रहा है।
इनका कहना है…
&शासन से बजट स्वीकृत्त नहीं हुआ है।बजट आते ही हितग्राहियों को अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया जाएगा।कार्डों के सत्यापन में सामने आया कि डब्ल्यूसीएल, एमपीपीजीसीएल में कार्यरत कर्मियों के परिजनों के नाम भी जोड़ दिए गए थे।जिन्हें जांच में अपात्र पाए हैं।
सीके मेश्राम, सीएमओ, नपा सारनी।