माधवदास के नाम की घोषणा होने के बाद लोगों ने उनसे संपर्क करना शुरू कर दिया था। एक दम से माधवदास को सोशल मीडिया ग्रुपों में जोडऩे की देर रात से होड़ मचने लगी। इधर आने वाले दिनों में माधव अग्रवाल के पास नगर परिषद के चुनावों की भी बड़ी जिम्मेदारियां होंगी।
पिपरिया के पास लगातार जिलाध्यक्ष की कमान तीसरी बार गई है। इसके पहले संपत मूंदडा को जिलाध्यक्ष बनाया गया था। दूसरी बार पिपरिया से ही जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल चुने गए। इसके बाद फिर अब पिपरिया के माधवदास अग्रवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभी भी हरिशंकर जायसवाल के बेटे राजीव जायसवाल को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था। वहीं होशंगाबाद और सोहागपुर विधायक ने अपने दावेदारों पर ताकत नहीं लगाई।
माधवदास अग्रवाल छात्र जीवन से राजनीति में रहे। वो प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा के विद्यार्थी परिषद की राजनैतिक जीवन से जुडे हुए हैं। अग्रवाल परिषद की प्रांतीय कार्यकरणी में रहे। इसके बाद 1999 में वो पहली बार भाजपा में आए , जहां पिपरिया के वार्ड 21 तिलक वार्ड से पहली बार पार्षद चुने गए। इसके साथ पिपरिया जिलाध्यक्ष रहे संपत मूंदड़ा की कार्यकरणी में जिला मंत्री और फिर हरिशंकर जायसवाल के जिलाध्यक्ष के कार्यकाल में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।
माधवदास अग्रवाल, जिलाध्यक्ष भाजपा