दोस्तों से मिला था लिंक
उन्होंने अपने परिजनों को बताया है कि यह लिंक उन्हें दोस्तों के जरिए ही मिला था। इसे किसी प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। कोई खास दोस्त या परिचित लिंक भेजता है तभी ब्लू व्हेल गेम डाउनलोड हो सकता है। इस गेम को मौत के गेम के रूप में पहचान मिल गई है। इसका खुलासा उन्होंने अपने परिजनों और स्कूल शिक्षकों के सामने किया।
उन्होंने अपने परिजनों को बताया है कि यह लिंक उन्हें दोस्तों के जरिए ही मिला था। इसे किसी प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। कोई खास दोस्त या परिचित लिंक भेजता है तभी ब्लू व्हेल गेम डाउनलोड हो सकता है। इस गेम को मौत के गेम के रूप में पहचान मिल गई है। इसका खुलासा उन्होंने अपने परिजनों और स्कूल शिक्षकों के सामने किया।
ब्लू व्हेल गेम: टास्क पूरा करने ट्रेन में बैठ गई दो छात्राएं, अगले स्टेप के लिए मोबाइल ऑन किया तो उड़ गए होश….. घर छोडऩे का मिला था टास्क
दरअसल पिछले दिनों आगरा के प्रतिष्ठित स्कूल की कक्षा नौ में पढऩे वाली छात्राएं ट्रेन में बैठ कर फरार हो गई थी। उन्हें टास्क मिला था कि अपना घर छोड़ दो नहीं तो उनके माता-पिता के साथ अनहोनी हो जाएगी। बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने परिजनों को फोन किया। इसके बाद परिजन ने उन्हें ट्रेन से उतरने की सलाह दी। वे होशंगाबाद स्टेशन पर उतर गईं। लड़कियों को होशंगाबाद जीआरपी ने अपनी कस्टडी में ले लिया था। परिजन को सूचना भेजी तो उन्हें यहां से लेकर गए गए। छात्राओं ने बताया था कि उन्हें लिंक अपने एक दोस्त के जरिए मिला था। दोनों लड़कियां एक ही मोबाइल से गेम खेल रही थी।
दरअसल पिछले दिनों आगरा के प्रतिष्ठित स्कूल की कक्षा नौ में पढऩे वाली छात्राएं ट्रेन में बैठ कर फरार हो गई थी। उन्हें टास्क मिला था कि अपना घर छोड़ दो नहीं तो उनके माता-पिता के साथ अनहोनी हो जाएगी। बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने परिजनों को फोन किया। इसके बाद परिजन ने उन्हें ट्रेन से उतरने की सलाह दी। वे होशंगाबाद स्टेशन पर उतर गईं। लड़कियों को होशंगाबाद जीआरपी ने अपनी कस्टडी में ले लिया था। परिजन को सूचना भेजी तो उन्हें यहां से लेकर गए गए। छात्राओं ने बताया था कि उन्हें लिंक अपने एक दोस्त के जरिए मिला था। दोनों लड़कियां एक ही मोबाइल से गेम खेल रही थी।
पहले स्टेज में फोड़े थे बल्ब
ब्लू व्हेल गेम के पहले स्टेज में उन्हें पहले हाथ से बल्ब फोडऩे का टास्क मिला, जब उन्होंने टास्क पूरा कर लिया तो अगली स्टेज पर उन्हें घर छोडऩे का टास्क मिला। पहले लड़कियां दो-तीन दिन तक टास्क पूरा करने को लेकर टालती रहीं, लेकिन गेम का एडमिन ने उन्हें लगातार धमकी दे रहा था कि वह घर छोड़ दे नहीं तो उनके माता-पिता के साथ अनहोनी हो जाएगी। इससे डरकर लड़कियों ने घर छोड़ दिया। पंजाब मेल ट्रेन में बैठ कर सवार हो गई। जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने परिजनों से संपर्क किया। परिजन की समझाइश पर वे ट्रेन से होशंगाबाद स्टेशन पर उतरी और इस दौरान उन्हें उन्होंने जीआरपी ने देख लिया। बाद में चाइल्ड लाइन की मदद से लड़कियों को परिजनों के सुपुर्द किया गया।
ब्लू व्हेल गेम के पहले स्टेज में उन्हें पहले हाथ से बल्ब फोडऩे का टास्क मिला, जब उन्होंने टास्क पूरा कर लिया तो अगली स्टेज पर उन्हें घर छोडऩे का टास्क मिला। पहले लड़कियां दो-तीन दिन तक टास्क पूरा करने को लेकर टालती रहीं, लेकिन गेम का एडमिन ने उन्हें लगातार धमकी दे रहा था कि वह घर छोड़ दे नहीं तो उनके माता-पिता के साथ अनहोनी हो जाएगी। इससे डरकर लड़कियों ने घर छोड़ दिया। पंजाब मेल ट्रेन में बैठ कर सवार हो गई। जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने परिजनों से संपर्क किया। परिजन की समझाइश पर वे ट्रेन से होशंगाबाद स्टेशन पर उतरी और इस दौरान उन्हें उन्होंने जीआरपी ने देख लिया। बाद में चाइल्ड लाइन की मदद से लड़कियों को परिजनों के सुपुर्द किया गया।