एेसे हुआ स्कूलों का चयन-
-राष्ट्रीय राजमार्ग व राजमार्ग से लगी हुई ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय शालाएं।
-एेसी शालाएं जहां न्यायालयीन प्रकरण के तहत बाउंड्रीवाल निर्माण किया जाना है।
-नदी, नाले, तालाब व रेलवे लाइन के पास की शालाएं।
-ग्रामीण क्षेत्र में अतिक्रमण संभावित शालाएं।
-राष्ट्रीय राजमार्ग व राजमार्ग से लगी हुई ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय शालाएं।
-एेसी शालाएं जहां न्यायालयीन प्रकरण के तहत बाउंड्रीवाल निर्माण किया जाना है।
-नदी, नाले, तालाब व रेलवे लाइन के पास की शालाएं।
-ग्रामीण क्षेत्र में अतिक्रमण संभावित शालाएं।
गुणवत्ता पर नजर-
निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने व मूल्यांकन के लिए मनरेगा और स्कूल शिक्षा विभाग दोनों की ही जबावदारी तय की गई है। कार्यों का मूल्यांकन संबंधित सेक्टर के उपयंत्री और स्कूल शिक्षा विभाग के उपयंत्री द्वारा किया जाएगा। कार्य के पर्यवेक्षण व गुणवत्ता संधारण का दायित्व कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का होगा।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने व मूल्यांकन के लिए मनरेगा और स्कूल शिक्षा विभाग दोनों की ही जबावदारी तय की गई है। कार्यों का मूल्यांकन संबंधित सेक्टर के उपयंत्री और स्कूल शिक्षा विभाग के उपयंत्री द्वारा किया जाएगा। कार्य के पर्यवेक्षण व गुणवत्ता संधारण का दायित्व कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का होगा।
इनका कहना है…
जिले के दस सरकारी स्कूलों में बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। इसमें मनरेगा से राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है। निर्माण की तकनीकि स्वीकृति मिल चुकी है।
-आदित्य सिंह, सीइओ जिला पंचायत होशंगाबाद
जिले के दस सरकारी स्कूलों में बाउंड्रीवाल बनाई जाएगी। इसमें मनरेगा से राशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है। निर्माण की तकनीकि स्वीकृति मिल चुकी है।
-आदित्य सिंह, सीइओ जिला पंचायत होशंगाबाद