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अवैध ईंट भट्टे लील गए किसानों की जमीन-बगीचे, कटाव से भी नुकसान

locationहोशंगाबादPublished: Nov 24, 2021 12:59:58 pm

Submitted by:

devendra awadhiya

रायपुर-घानाबड़ सहित आसपास चल रहे 70 से अधिक भट्टे, डूब क्षेत्र होने के बाद भी नहीं बंद कराए जा रहे अवैध ईंट भट्टे

अवैध ईंट भट्टे लील गए किसानों की जमीन-बगीचे, कटाव से भी नुकसान

अवैध ईंट भट्टे लील गए किसानों की जमीन-बगीचे, कटाव से भी नुकसान

होशंगाबाद. जिला मुख्यालय पर नर्मदा-तवा के तट बांद्राभान-धानाबड़ और रायपुर ग्राम के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से 70 भट्टे संचालित हो रहे, जिसके कारण किसानों के फलों के बगीचे और खेती की जमीनें उजड़ती जा रही। किसानों ने हाईकोर्ट की लड़ाई भी लड़ी, लेकिन आदेश के बाद भी प्रशासन और खनिज विभाग इन भट्टों को बंद नहीं करवा पा रहा है। दरअसल कुछ किसानों ने ईंट भट्टा कारोबारियों को अपनी जमीनें किराए पर दी है, जिसके कारण इन तीनों गांवों के बाकी के दर्जनों किसानों के बगीचे और जमीनों पर कटाव व पेड़ कटाई, मिट्टी उत्खनन के कारण नुकसान के साथ पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। ये किसान बीते दो से तीन साल से कईयों बार ज्ञापन देकर शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन न तो प्रशासन ने कोई कदम उठाए और नही खनिज विभाग ने कार्रवाई की। बता दें कि बारिश-बाढ़ में यह पूरा इलाका डूब जाता है, जिसके कारण जमीनें बह गईं व मकान ढह चुके हैं। ग्रामीण तहसीलदार ने बीते माह करीब 38 अवैध रूप से चल रहे भट्टों के संचालकों को नोटिस भी दिए थे और कार्रवाई के लिए जिला खनिज विभाग को भी प्रतिवेदन भेजा था, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया जा सका।

ये है किसानों की पीड़ा और नुकसान
होशंगाबाद, ग्राम पंचायत रायपुर सहित ग्राम घानाबड़ आदि के किसान अजय कुमार वर्मा, उर्मिला, मुट्टो बाई, अजीत सिंह विष्ट, सुभाष जैसवाल, अरुणा, मधुसुदन, ज्ञानवती, अंगूरी बाई, रामदास, अर्जुन सिंह, श्यामवती, अनिल, अशोक कुमार आदि ने बताया कि उनकी कृषि भूमि के आसपास निजी भूमि पर अवैध रूप से ईंट के भट्टे डूब इलाके पर चलाए जा रहे हैं, जिसमें खेतों से लगी सरकारी जमीन से ही मिट्टी का खनन एवं पेड़ों की कटाई कर उसकी लकडिय़ों से भट्टे जल रहे। जबकि हर बारिशकाल में ये क्षेत्र पानी में कटाव के कारण डूब जाते हैं। बारिश खत्म होने के बाद ईंट भट्टे फिर से चालू हो गए हैं, जिनके कारण पर्यावरण को नुकसान तो पहुंच रहा। कृषि भूमि भी नष्ट हो रही है। भारी नुकसान के बाद भी खनिज विभाग और राजस्व विभाग अवैध ईंट भट्टे संचालित कर रहे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

25 फीसदी जमीनें कटाव में बह गई
नर्मदा-तवा नदी के किनारों के इन किसानों ने बताया कि ईंट भट्टों में मिट्टी के खनन व हर साल की बारिश-बाढ़ के कारण खेती की 25 फीसदी से अधिक जमीनें कटाव के कारण बह गई है। तमाम शिकायतों व हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अवैध ईंट भट्टों को बंद नहीं कराया जा रहा। यह समस्या वर्ष 2018 से लगातार बनी हुई है। जन सुनवाई, सीएम हेल्पलाइन में भी कई बार शिकायतें की जा चुकी है।
कुछ दबंग किस्म के ईंट भट्टा संचालक किसानों से दादागिरी भी कर रहे। मिट्टी खोदने से मना करने पर झगड़े-विवाद पर उतारू हो जाते हैं। वर्तमान में भी नए-नए भट्टे खुल रहे, लेकिन खनिज विभाग न तो मौका निरीक्षण कर रहा न ही कार्रवाई।

इनका कहना है….
जिले में जहां भी अवैध रूप से ईंट भट्टे चल रहे हैं, उनका स्थल निरीक्षण कर बंद कराने के कार्रवाईयां की जाएंगी। मिट्टी के अवैध खनन के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। ग्रामीण तहसीलदार व्दारा भेजे गए प्रतिवेदन को दिखवाया जाएगा।
-शशांक शुक्ला, जिला खनिज अधिकारी होशंगाबाद

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