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Loksabha Election 2019: यहां मुख्यमंत्री का आदेश भी पलटा प्रदेश प्रभारी ने, बिना अध्यक्ष के हुई जिला टीम

locationहोशंगाबादPublished: Apr 03, 2019 11:51:45 am

Submitted by:

poonam soni

भैया…लगता है हमारी पार्टी जिला अध्यक्ष को भी अफसर समझ रही है…

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Loksabha Election 2019: यहां मुख्यमंत्री का आदेश भी पलटा प्रदेश प्रभारी ने, बिना अध्यक्ष के हुई जिला टीम

होशंगाबाद. जिला कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। पांच दिन पूर्व जिलाध्यक्ष बनाए गए अमृत बिंदु डेरिया को मंगलवार को हटा दिया गया। इस कारण एक बार फिर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बिहीन हो गई। इससे पहले विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद तत्कालीन जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार को भी दिसंबर में इसी तरह अचानक हटा दिया गया था। इसके बाद खाली जिलाध्यक्ष की कुर्सी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भरी गई लेकिन वह भी कलह और गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने मंगलवार को डेरिया को पद से हटाने के आदेश जारी किए। डेरिया को 29 मार्च को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन पर चलती ट्रेन में बलात्कार का मामला दर्ज है, जिस पर कोर्ट ने स्टे दे रखा है। सूत्र बताते हैं कि डेरिया को प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर नियुक्त किया गया था, लेकिन प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को इस पर आपत्ति थी। इसके बाद डेरिया को हटाने का फैसला लिया गया। उनकी नियुक्ति पर जिले के एक पूर्व विधायक और पूर्व जिलाध्यक्ष ने प्रदेश प्रभारी से शिकायत की थी। सोशल मीडिया पर भी उनके पंद्रह साल भाजपा में रहकर लौटने के बाद जिलाध्यक्ष बनाए जाने पर संगठन पर निशाना साधा गया था।
अब कोई जिलाध्यक्ष नहीं : संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि अभी कोई भी जिलाध्यक्ष नहीं है। नए अध्यक्ष की घोषणा बाद में की जाएगी। ज्ञात रहे कि इसके पहले भी कपिल फौजदार को जिलाध्यक्ष पद से 24 दिसंबर को हटा दिया गया था। उन पर विधानसभा चुनाव में संगठन विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे थे। इस कारण जिलाध्यक्ष सहित कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। तभी से जिलाध्यक्ष पद खाली था। इससे पहले कांग्रेस को दो बार जिला कार्यकारिणी बनाने के बाद भंग करना पड़ी थी। सभी गुटों को साधने और कलह पर अंकुश लगाने के लिए दो कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त करना पड़े थे।
सोशल मीडिया पर यह हुए बरकरार
डेरिया के हटाने की खबर मिलते ही पूर्व जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार के समर्थकों में खुशी लौट आई। समर्थकों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब फौजदार ही रहेंगे जिलाध्यक्ष। फौजदार से भी संपर्क की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। ज्ञात रहे कि डेरिया और फौजदार रिश्ते के भाई है। पहले फौजदार की गिनती भी कमलनाथ गुट में थी, लेकिन बाद में वे बावरिया के करीबी हो गए।
खुद दिया इस्तीफा
प्रदेश संगठन प्रभारी शेखर ने का कहना है कि अमृत बिंदु डेरिया ने खुद इस्तीफा दिया है, वे जिलाध्यक्ष के पद पर काम नहीं करना चाहते थे। इसलिए उनका नियुक्ति आदेश निरस्त किया गया है। वे यह भी बोले कि संगठन का काम है। रोज हटना-हटाना तो चलता रहता है। नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होगी।
सीएम ने बुलाया भोपाल
हटाए गए जिला कांग्रेस अध्यक्ष डेरिया का कहना है कि वे खुद ही झंझट के कारण सोमवार को भोपाल जाकर पीसीसी को इस्तीफा देकर आ गए थे। पद से हटने से खुश हूं। अब कोई नया पद भी नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे हटाने का निर्णय एआइसीसी के स्तर से हुआ है। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल बुलाया है।
सूचना मिलते ही बैठक छोड़कर गए डेरिया
मंगलवार को बाबई में लोकसभा चुनाव प्रभारी नंदा महात्रे की मौजूदगी में हुई कांग्रेसियों की बीच बैठक में से किसी से कुछ कहे बिना डेरिया उठकर चले गए। इसके बाद वापस नहीं लौटे। जब उनके फोन पर बात की गई तो पुत्र अंशुल ने बताया कि तबीयत बिगडऩे के कारण आराम कर रहे हैं।
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