केसला में स्कूल छोड़कर खेत में मजदूरी कर रहे बच्चे
होशंगाबादPublished: Nov 15, 2018 01:41:53 pm
शाला त्यागी बच्चों को स्कूल लाने में विभाग का छूटा पसीना
bringing school children to school children
इटारसी. गरीबी और घर के काम का दबाव अधिक होने से बच्चे स्कूल छोड़कर मजदूरी कर रहे हैं। जिले के केसला ब्लॉक में इस साल 334 बच्चे स्कूल नहीं गई जबकि विभाग सिर्फ 39 विद्यार्थियों को ही स्कूल तक पहुंचा पाया है। जिले की स्थिति भी अच्छी नहीं है। जिले में 3 हजार 582 बच्चों ने मजबूरी में स्कूल छोड़ दिया जबकि अधिकारियों की मशक्कत के बाद जिले में सिर्फ ४३९ बच्चों का ही प्रवेश हो पाया है। अब अधिकारी सर्वे से शाला त्यागी बच्चों को स्कूल तक पहुचाने की बात कह रहे हैं।
सोहागपुर में सबसे कम प्रवेश – जिले में सोहागपुर ब्लॉक की सबसे बुरी स्थिति है। यहां सिर्फ ७ बच्चों का प्रवेश हुआ है जबकि 313 विद्यार्थी अभी भी स्कूल नहीं पहुंचे हैं। स्कूल चले हम व सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की बात कह रही हो लेकिन ये आंकड़ा स्कूलों में हुए प्रवेश की हकीकत बता रहा है।
यह भी हैं इसके कारण – शाला त्यागी बच्चों के दोबारा स्कूल नहीं जाने के पीछे कुछ और कारण भी है। इनमें से अधिकतर विद्यार्थी आरटीई के तहत गांव के आसपास के निजी स्कूलों में प्रवेशित हो गए होंगे। सर्वे के दौरान पर्याप्त जानकारी न मिलने की वजह से इन बच्चों की मैपिंग नहीं हो पाई। साथ ही निजी स्कूलों की ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती पहुंच से कुछ पालक भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहते। पालकों की शिक्षा में रुचि न होना इन सब के पीछे सबसे बड़ा कारण है।
फैक्ट फाइल
ब्लॉक इतनों ने छोड़ा स्कूल
केसला ३३४
बाबई ३९९
बनखेड़ी २५५
पिपरिया ६४१
सिवनीमालवा ६३२
सोहागपुर ३१३
होशंगाबाद ५६९
फैक्ट फाइल
ब्लॉक इनका हुआ प्रवेश
केसला ३९
बाबई २२
बनखेड़ी ९९
पिपरिया १०३
सिवनीमालवा ९२
सोहागपुर ०७
होशंगाबाद ७७
इनका कहना है
शाला त्यागी बच्चों का स्कूलों में प्रवेश कराने के लिए हर साल सर्वे किया जाता है। ऐसे बच्चों के पालकों को भी समझाइश देते हैं।
एसएस पटेल, डीपीसी