स्कूलों में बच्चों को सिखाएंगे टै्रफिक सेंस, ताकि बड़े भी हो सके सजग
होशंगाबादPublished: Oct 03, 2021 12:34:34 pm
होशंगाबाद में टै्रफिक का पाठ पढ़ाने नहीं है स्कूल, 90 फीसदी लोग नियमों से अनभिज्ञ, सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी नहीं हुई टै्रफिक सेंस सिखाने पर कोई चर्चा
स्कूलों में बच्चों को सिखाएंगे टै्रफिक सेंस, ताकि बड़े भी हो सके सजग
होशंगाबाद. जिले व शहर में कहीं भी टै्रफिक का पाठ पढ़ाने के लिए स्कूल-पाठशाला नहीं है। 90 फीसदी लोगों को नियमों की जानकारी ही नहीं रहती। लोगों को सड़कों का व्यवहारिक ज्ञान नहीं रहता इसलिए दुर्घटनाओं से बचने टै्रफिक एजुकेशन जरूरी है, लेकिन परिवहन विभाग और टै्रफिक पुलिस स्कूल-कॉलेजों में भी छात्र-छात्राओं को इसका प्रशिक्षण नहीं दे पा रही। लाइसेंस जारी करने से पहले ही टै्रफिक नियमों का ज्ञान जरूरी है। सड़क सुरक्षा समिति बैठक में इस पर कोई चर्चा नहीं और कोई निर्णय नहीं लिए गए। शहर में निजी तौर पर ही वाहन चलाने की टै्रनिंग के लिए एक-दो ही इंस्टीट्यूट है। सरकारी और विभागीय तौर पर वाहन चालकों को टै्रफिक सेंस खिलाने और नियमों का पालन कराने के लिए जागरूकता अभियान भी सुस्त पड़ा है। पुलिस सिर्फ वाहनों की चैकिंग कर जुर्माना वसूलकर छोड़ दे रही। सड़क दुर्घटनाएं लगातार जारी है।
स्वच्छता की तरह चले टै्रफिक सेंस की मुहिम
जिला टै्रफिक थाना प्रभारी आशीष सिंह पवार का कहना है कि हमारे पास जगह उतनी ही है। सड़कें चौड़ी नहीं हो रही, पार्किंग स्पेस विकसित नहीं हो रहे। आबादी के मान से वाहनों की संख्या व यातायात का दबाव बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में लोगों, वाहन चालकों और बच्चों में टै्रफिक सेंस का होना जरूरी है। इसके लिए एजुकेट करना होगा। यातायात सुधार के लिए पुलिस,नपा, प्रशासन के सहयोग से इसके लिए स्वच्छता अभियान की तरह टै्रफिक सेंस को लेकर भी बड़े स्तर पर जागरूकता मुहिम चलनी चाहिए। क्योंकि कई बड़े शहरों में पार्किंग की समस्या को लेकर पड़ौसियों, रिश्तेदारों, दुकानदारों के बीच झगड़े भी सामने आए हैं।
बच्चे बढ़ों को सही ढंग से जागरूक करेंगे
थाना प्रभारी पवार ने बताया कि टै्रफिक महकमे व्दारा जल्द ही स्कूली बच्चों को टै्रफिक सेंस के बारे में एजुकेट किया जाएगा। जिसमें बच्चे अपने घरों के बड़े लोगों को यह सिखाएंगे कि गलत जगह गाड़ी नहीं करनी चाहिए। रांग साइड नहीं चलना और पार्किंग नहीं करनी है। तीन सवारी नहीं बैठानी है। शहरी सीमा, बाजार व भीड़ वाले चौक-चौराहों पर वाहन धीमी गति से चलानी चाहिए।