नगर के महावीर वार्ड निवासी विनोद जैन के घर 28 अक्टूवर को एक प्यारी सी बच्ची ने जन्म लिया था। जिसकी तबियत लगातार बिगड़ रही है। उसे वरुड़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नवजात पुत्री के उपचार के सहयोग के लिए लगातार लोग सामने आ रहे हैं। बच्ची के उपचार के लिए करीब 70 हजार रुपए की जरूरत है अब तक 30 हजार रुपए मिल चुके हैं।
चौदह नवंबर बाल दिवस के रूप में मनाने का औचित्य है कि पं. जवाहरलाल नेहरू बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। उनकी यह अवधारणा सौ फीसदी सत्य है, क्योंकि आज जन्मा शिशु भविष्य में राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, लेखक, शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर या मजदूर कुछ भी बने आखिर राष्ट्र निर्माण का भवन इन्हीं की नींव पर खड़ा होता है। पं. नेहरू प्रौढ़ और युवाओं की तुलना में ज्यादा स्नेह और महत्व बच्चों को दिया करते थे। इसी भावना को समझते हुए समाज ने उन्हें चाचा नेहरू की उपाधि से विभूषित किया। इसलिए आज भी 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
– बच्चे को उपहार और चॉकलेट वितरित किये जाते हैं |
– कई तरह की प्रतियोगिताएं जैसे fancy dress, debates, speech related to the freedom fighters, country, storytelling और quizzes आयोजित की जाएँगी |
– गायन, नृत्य और अन्य संगीत वाद्ययंत्र के साथ मनोरंजक सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है |
– अनाथ बच्चों को कपड़े, खिलौने, संगीत वाद्ययंत्र, स्टेशनरी, किताबें, वितरित कर उनका मनोरंजन किया जाता है |
– स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है |
– puzzle, sweet और sugar treasure hunt आदि कुछ खेल गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है |