सीएम का पुतला जला कार्यकर्ताओं से पुलिस की धक्कामुक्की, पुतला छीना
होशंगाबादPublished: Mar 09, 2020 07:42:08 pm
अभाविप कार्यकर्ता कर रहे थे माशिमं के पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर बताने का विरोध, सपाक्स ने आरक्षण एक्ट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में पुतला फूंका
सीएम का पुतला जला कार्यकर्ताओं से पुलिस की धक्कामुक्की, पुतला छीना
होशंगाबाद. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नर्मदा कॉलेज के बाहर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री का पुतला जलाया। कार्यकर्ता माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर बताने का विरोध कर रहे थे। पुतले जलाने को लेकर कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच धक्कामुक्की हुई। पुलिस पुतले को छीन लिया। पदाधिकारियों ने परीक्षा में इस तरह के प्रश्न पूछने पर आपत्ति जताते हुए निंदा की। पूछा कि शिक्षा मंडल ने कक्षा 10वी की बोर्ड परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के पेपर में पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर का प्रश्न पूछकर प्रदेश सरकार छात्रों को क्या बताना चाहती है व किस दिशा में छात्रों को ले जाना चाहती है। इस प्रकार की राष्ट्र विरोधी मानसिकता अभाविप पुरजोर विरोध करती है। इधर, सपाक्स संगठन ने कलेक्टे्रट के समीप कर्मचारी पीपल चौक पर एक्ट्रोसिटी एक्ट में संशोधन और पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में नारेबाजी कर काले कानून का पुतला फूंका।
प्रदेश सरकार जनता से माफी मांगे: कृतिक
अभाविप के जिला संयोजक कृतिक शिवहरे ने कहा कि प्रदेश सरकार का इस तरह आजाद कश्मीर बताने के पीछे की मंशा क्या है। क्यों आजाद कश्मीर बताया गया। सरकार जनता को इसका जबाव दे और माफी मांगे। प्रदेश का कंाग्रेस कभी वंदे मातरम पर रोक लगाती है तो कभी देश के महापुरुषों का अपमान करती है। यह राष्ट्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। प्रदर्शन में प्रान्त कार्यकारणी सदस्य योगेश गौर, नगर मंत्री त्रिलोक गोयल,नगर उपाध्यक्ष सौरभ रूरे, यश तिवारी, विशाल ,अंकुश, अमन ,दिव्यांश, अमित,राजीव गौर, आयुषी पालीवाल, परम्परा गौर आदि शामिल रहे।
पदोन्नति में आरक्षण खत्म हो: सपाक्स
इधर, कलेक्टे्रट के समीप पीपल चौक पर सपाक्स संगठन ने एक्ट्रोसिटी एक्ट में हुए संशोधन और पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में काले कानून का पुतला दहनकर विरोध दर्ज कराया। सपाक्स संगठन के बैनर तले सामान्य , पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारी कर्मचारियों के अलावा सामाजिक जन शामिल हुए। पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार से संशोधित कानून वापस लेने का आग्रह किया। प्रदर्शन में संगठन जिलाध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने कहा कि यदि देश को सोने की चिडिय़ा बनाना है तो आरक्षण समाप्त करना होगा। उन्होंने सरकार से पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की भी मांग रखी। पुतला दहन कार्यक्रम में बडी़ संख्या में राजस्व , शिक्षा और चिकित्सा विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा महिलाएं मौजूद रहीं।