मोबाइल बाधा बना तो कार्रवाई करेंगे: कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सक्सेना का कहना है कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि जनसुनवाई में दूरदराज से आने वाले आवेदकों की समस्याएं अविलंब निराकृत होना चाहिए। किसी भी आवेदक को अपनी समस्या या शिकायत के लिए भटकना न पड़े। अगर मोबाइल के कारण इस पर बाधा पड़ी तो कार्रवाई भी होगी। वैसे कई बार अधिकारियों के पास वाट्सएप पर विभागीय संदेश भी आते हैं।
जब खुली कलई तो मौके पर लगाया जुर्माना : रेशम हरित आजीविका केन्द्र कोठरा में किसान महिला समूह को अक्टूबर २०१८ में रेशम विभाग को प्रदान किए गए ककून की राशि प्राप्त न होने की शिकायत की। वे इससे पूर्व 8 जनवरी को भी जन सुनवाई में आवेदन दे चुकी है, लेकिन इस संबंध में कोई सुनवाई नहीं हुई है। कलेक्टर ने तुरंत ऑनलाइन पोर्टल चैक कराया। लेकिन रेशम विभाग द्वारा इस आवेदन पर की गई उस पर कार्रवाई की कोई टीप दर्ज नहीं थी। इस पर कलेक्टर ने रेशम विभाग के अधिकारी को मौके पर ही महिलाओं को क्षतिपूर्ति के रूप में 500 रूपये देने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि यदि किसी कारणवश आवेदन पर शीघ्र कार्रवाई कर पाना संभव नहीं है तो भी अधिकारी जन सुनवाई पोर्टल पर अपनी टीप अवश्य दर्ज करें। उन्होने प्रभारी अधिकारी जन सुनवाई को निर्देशित किया कि आवेदको को प्रदान की जाने वाली पावती में एक माह बाद की जन सुनवाई की तारीख लिख कर दें ताकि उन्हें बार बार आकर परेशान न होना पडें तथा कार्यवाही के लिए अधिकारियों को भी समय मिल सके।