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कलेक्टर बोले..जिले में भारी बारिश के दौरान बने बाढ़ के हालातों के दौरान एसडीएम ड्यूटी से नदारद पाए गए

locationहोशंगाबादPublished: Sep 15, 2019 12:20:10 pm

Submitted by:

poonam soni

पहले ड्यूटी से नदारद रहने पर एसडीएम को नोटिस दे चुके थे कलेक्टर

कलेक्टर बोले..जिले में भारी बारिश के दौरान बने बाढ़ के हालातों के दौरान एसडीएम ड्यूटी से नदारद पाए गए

कलेक्टर बोले..जिले में भारी बारिश के दौरान बने बाढ़ के हालातों के दौरान एसडीएम ड्यूटी से नदारद पाए गए

होशंगाबाद/ कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बीच पहले से तनातनी चल रही थी। बाढ़ जैसे हालात बनने के दौरान ड्यूटी से नदारद रहने पर कलेक्टर ने पहले भी एसडीएम को नोटिस दिया था। एडीएम के माध्यम से उन्हें व्यवहार ठीक करने की सलाह भी दी थी। सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर-एसडीएम में गुरुवार रात को हुआ विवाद लगातार दोनों के बीच बढ़ रहे तनाव का नतीजा था। कलेक्टर ने छह अगस्त को ही श्रीवास्तव को एसडीएम का चार्ज दिया था, लेकिन इसके बाद से ही उनकी लगातार शिकायतें मिलने लगी थी। वह कलेक्टर का आदेश तक नहीं मान रहे थे। इस कारण दोनों के बीच तकरार शुरू हो गई थी। कलेक्टर उनके द्वारा अनावश्यक रूप से फाइलें पैंडिंग करने पर नाराज थे। उन पर लोगों पर दबाव बनाकर वसूली की शिकायतें मिल रही थी। इस कारण एडीएम से उन्हें समझाने का कहा गया था। होशंगाबाद में भारी बारिश के दौरान बने बाढ़ के हालातों के दौरान एसडीएम ड्यूटी से नदारद पाए गए थे। इस पर कलेक्टर ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया था।
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पंचनामा बनाकर जब्त की फाइल
एसडीएम के फाइल नहीं देने से नाराज कलेक्टर ने उन्हें और उनके स्टाफ को बंगले तलब किया था। जहां पंचनामा बनाकर उनसे फाइल जब्त की। इसके बाद पूरे स्टाफ के बयान रिकार्ड किए।
Video: कलेक्टर ने अपने ही एसडीएम को बनाया तीन घण्टे बंधक…जाने क्यों?

विवादों से रहा दोनों का नाता
कलेक्टर शीलेंद्र सिंह और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव दोनों का ही विवादों से नाता रहा है। कलेक्टर पर जिला पंचायत सीईओ रहते हुए अलीराजपुर और जबलपुर में मरपीट के आरोप लग चुके हैं। वहीं एसडीएम पर खंडवा में डिप्टी कलेक्टर रहते हुए एडीएम बीएस इवने से भिड़ गए थे। दोनों के बीच झूमा-झटकी तक हुई थी।
अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। सीएम रविवार को भोपाल में रहेंगे उनसे चर्चा कर कार्रवाई की सिफारिश करेंगे। इस तरह से विवाद करना ठीक नहीं है। दो दिन में मामले का समाधान करा लिया जाएगा।
पीसी शर्मा, प्रभारी मंत्री
‘कलेक्टर लगातार 15 वर्षो से भाजपाइयों की कारगुजारियों की फाइलें खोल रहे हंै, जिससे भाजपा नेताओ में घबराहट है। भाजपा का एक गिरोह, रेत माफिया और कांग्रेस के चुनिंदा लोग भाजपाइयों से मिलीभगत करके प्रभारी मंत्री को आगे कर कलेक्टर को हटाने का प्रयास कर रहे है। इस मामले में मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। जिससे सम्पूर्ण मामले व कार्यवाही का खुलासा हो।Ó
राजकुमार केलू उपाध्याय, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
बचाव के लिए राजधानी में सक्रिय

विवाद के बाद एसडीएम खुद का बचाव करने के लिए भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। फोन भी रिसीव नहीं कर रहे।

होशंगाबाद की घटना से साबित होता है कि सरकार किस तरह रेत के अवैध कारोबार का संरक्षण कर रही है। घटना की न्यायिक जांच कर दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।
बंशीलाल गुर्जर, प्रदेश महामंत्री भाजपा
यह सवाल, जिनके नहीं मिले जवाब
एसडीएम
एसडीएम ने मौके से लौटने के बाद डंपरों की जानकारी कलेक्टर को क्यों नहीं दी?
वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश के बाद भी उन्हें फाइल क्यों नहीं सौंपी?
डंपरों पर कार्रवाई पर अकेले ही क्यों गए?
कलेक्टर ने बुलाया था तो डंपर जब्त कर थाने में खड़े कराकर क्यों नहीं आए?
गणेश विसर्जन में ड्यूटी थी तो वहां से गायब क्यों हुए।
कलेक्टर
आधी रात को एसडीएम और उनके स्टाफ को बंगले पर क्यों बुलाया, सुबह फाइल जब्त कर सकते थे?
एडीएम को निर्देश देकर फाइल जब्ती की कार्रवाई की जा सकती थी?
चार्ज लिया पर गाड़ी क्यों छीनी
एसडीएम के खिलाफ पहले क्या कार्रवाई की?
सिर्फ 8 को रेत विक्रय की अनुमति क्यों दी? अन्य को क्यों नहीं।
दूसरों के स्टॉक की दोबारा सत्यापन कराने के निर्देश दिए इन सात के क्यों नहीं?
हटते ही बिल्डरों ने लगाया आरोप
एसडीएम के हटते ही जिले के बिल्डर एसोसिएशन ने एसडीएम पर प्रताडि़त करने और कॉलोनियों को अनुमति देने के बदले में 25-25 लाख तक की मांग का आरोप लगाया है।

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