एसडीएम ने कर दिया था साइन करने से मना प हली बार जब खनिज अमला, नायब तहसीलदार और एसडीएम रेत स्टाक की जांच करने गए थे, तब खनिज अफसर और एसडीएम के बीच विवाद भी हुआ था। सूत्र बताते हैं कि तत्कालीन एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने मौके पर कम स्टाक होने और रिकार्ड में रेत की मात्रा ज्यादा दर्ज करने पर एतराज जताते हुए हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। इस बात से खनिज अधिकारी अर्चना ताम्रकार और श्रीवास्तव के बीच विवाद हुआ था। तब एसडीएम ने कहा था कि वह नायब तहसीलदार ललित सोनी से हस्ताक्षर करा लें, वे भी वहां मौके पर थे।
स्टॉक की जांच में लग गए 24 घंटे
कलेक्टर-एसडीएम के बीच विवाद की रिपोर्ट महज छह घंटे में जांच पूरी कर भेजने वाले कमिश्रर मिश्रा को पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के पुत्र वैभव शर्मा के कुलामढ़ी स्थित स्टॉक की जांच कर रिपोर्ट भेजने में 24 घंटे लग गए।
इन आरोपों की जांच
कम स्टाक को ज्यादा बताया।
सिर्फ पूर्व विधायक के स्टाक की ही ईटीपी प्रतिबंध के बाद देर तक खुली रही।
फर्जी रायल्टी के माध्यम से सरकार को करोड़ों का चूना लगाया।
अधिकारियों के दल से स्टॉक की पुन: जांच कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट मिल गई है। इसका अध्ययन कर ड्रॉफ्ट शासन को भेजा है। जांच रिपोर्ट में कुछ तो है लेकिन अंतिम निर्णय शासन स्तर से ही होगा।
रविंद्र मिश्रा, कमिश्रर नर्मदापुरम् संभाग
कलेक्टर-एसडीएम के बीच विवाद की रिपोर्ट महज छह घंटे में जांच पूरी कर भेजने वाले कमिश्रर मिश्रा को पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा के पुत्र वैभव शर्मा के कुलामढ़ी स्थित स्टॉक की जांच कर रिपोर्ट भेजने में 24 घंटे लग गए।
इन आरोपों की जांच
कम स्टाक को ज्यादा बताया।
सिर्फ पूर्व विधायक के स्टाक की ही ईटीपी प्रतिबंध के बाद देर तक खुली रही।
फर्जी रायल्टी के माध्यम से सरकार को करोड़ों का चूना लगाया।
अधिकारियों के दल से स्टॉक की पुन: जांच कराई गई थी। जिसकी रिपोर्ट मिल गई है। इसका अध्ययन कर ड्रॉफ्ट शासन को भेजा है। जांच रिपोर्ट में कुछ तो है लेकिन अंतिम निर्णय शासन स्तर से ही होगा।
रविंद्र मिश्रा, कमिश्रर नर्मदापुरम् संभाग